प्रेमी युगलों की सुरक्षा को हाईकोर्ट सख्त, DGP को दिए ये निर्देश

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मल्लीताल कोतवाली से संबंधित एक मामले में गुरुवार को डीजीपी अशोक कुमार  हाईकोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने कहा कि प्रेमी जोड़ों के लिए खतरा बन रहे लोगों के खिलाफ पुलिस तुरंत मुकदमा दर्ज करें। थानों में ही इस तरह के विवादों को निपटाया जाना चाहिए, पर वहां बात नहीं सुनी जा रही।  मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।

सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़ों और अन्य संबंधित को सुरक्षा दिलाए जाने सम्बन्धित मामलों में डीजीपी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीजीपी से कहा कि अगर इन जोड़ों को उनके परिवार, किसी संघ, समुदाय, जाति-धर्म के लोगों से खतरा हो और पुलिस को इसकी शिकायत की जाती है, तो तत्काल मुकदमा दर्ज करें।

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए है कि इस सम्बंध में प्रदेश के सभी थानों को एक सर्कुलर भी जारी करें। यह आदेश कोर्ट ने नैनीताल की एक विवादित सम्पति के मामले में दिए हैं। जिसमें पुलिस द्वारा एक पक्ष की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया। कोर्ट ने इस मामले में मल्लीताल कोतवाल को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए। पर  कोतवाल कोर्ट में पेश नहीं हुए और अपना मोबाइल नॉट रिचेबल कर दिया। इससेे नाराज कोर्ट ने डीजीपी को कोर्ट में पेश होने को कहा था।

पुलिस अपने कर्तव्यों का उचित अनुपालन नहीं कर रही
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अपने कर्तव्यों का अनुपालन ठीक ढंग से नहीं कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप प्रेमी जोड़े आएदिन उच्च न्यायालय में सुरक्षा के लिए आ रहे हैं। कोर्ट में सुरक्षा दिलाने सम्बन्धी 10 से 15 याचिकाएं प्रतिदिन दायर हो रही हैं। जबकि याचिकाएं दायर करने से पहले उनके द्वारा सुरक्षा के लिए एसएसपी और संबंधित थानों को प्रार्थना पत्र दिया जाता है। कोर्ट के आदेश के बाद ही उन्हें सुरक्षा दी जाती है।

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