दीपावली समेत कई त्योहारों के साथ विभिन्न समुदायों की परंपराओं में मिट्टी के उत्पादों का विशेष महत्व है। यही कारण है कि लोगों को मिट्टी से लगाव बरकरार है।
समय बदलने के साथ भले ही लोग मिट्टी से दूर होते गए, लेकिन मिट्टी से बने उत्पादों का चलन कम नहीं हुआ है। मिट्टी के उत्पादों के विक्रेता व कुम्हारों की आजीविका मिट्टी से ही जुड़ी हुई है। रंग और आकार में परिवर्तन कर नए कलेवर में मिट्टी के उत्पाद बाजार में अपनी धमक बनाए हुए हैं। वहीं परंपराओं और मान्यताओं की वजह से मिट्टी के बाजार का अस्तित्व बरकरार है।
दीपावली समेत कई त्योहारों के साथ विभिन्न समुदायों की परंपराओं में मिट्टी के उत्पादों का विशेष महत्व है। यही कारण है कि लोगों का मिट्टी से लगाव बरकरार है। इन दिनों चकराता रोड के किनारे मिट्टी उत्पादों के विक्रेताओं व कुम्हारों के पास खूब भीड़ उमड़ रही है। मिट्टी के बर्तनों से लेकर घर की सजावट के सामान भी लोग खरीद रहे हैं।
अब लोग पसंद के उत्पाद बनाने के लिए डिमांड भी दे रहे हैं। वहीं मिट्टी के बर्तनों के इस्तेमाल के कई फायदे हैं। अब मिट्टी के बर्तनों सहित घर की सजावट के उत्पाद नए कलेवर में मिल रहे हैं। इससे बाजार के फैंसी सामान को मिट्टी के उत्पाद टक्कर दे रहे हैं।
मिट्टी के तवे, कुकर से लेकर घर में सजावट के लिए मिट्टी के बने फ्लोटिंग कैंडल की इन दिनों खासतौर पर डिमांड है। करवा से लेकर दीपावली के त्योहार को देखते हुए मिट्टी के आकर्षक झालर, दीये और लैंप भी बनाए गए हैं।
मयंक प्रजापति ने बताया कि 20-25 साल से हमारा परिवार यहां पर काम कर रहा है। पहले दादा और मेरे पिता ये काम करते थे। अब मैं करता हूं। पिछले पांच साल में मिट्टी के उत्पादों के चलन में तेजी आई है। इसकी खास वजह यह है कि अब इन्हें सजाया जा रहा है। पहले कुछ ही सामान बनता था। अब बर्तनों से लेकर खिलौने और घर की सजावट का सामान बन रहा है।चकराता रोड किनारे मिट्टी के उत्पादों के विक्रेता राकेश प्रजापति ने बताया कि अब लोग मिट्टी के बर्तन खरीदने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। हमने भी थोड़े से रंग भर कर मिट्टी के उत्पादों को नए कलेवर में पेश किया है। इससे कारोबार को गति मिली है। अब मिट्टी के उत्पादों को भी कई डिजाइन के साथ बनाया जा रहा है।