केदारनाथ की तरह अब बदरीनाथ धाम में भी अगले यात्रा सीजन से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। धाम में आवाजाही के लिए वन-वे सिस्टम शुरू हो जाएगा, तो वाहनों की पार्किंग के लिए स्थल निर्धारित होगा। बदरीनाथ में बड़ा अस्पताल और अराइवल प्लाजा तैयार होना है तो नदी के दोनों तरफ रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत बाढ़ सुरक्षा और आस्था पथ का निर्माण भी होगा। बदरीनाथ धाम की महायोजना में प्रस्तावित 243 करोड़ की लागत वाले प्रथम चरण ये कार्य अगले सप्ताह से शुरू होने जा रहे हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार प्रयास यह है कि अगले नौ माह में इन कार्यों को पूर्ण करा लिया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में केदारनाथ के पुननिर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान बदरीनाथ धाम के लिए महायोजना बनाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे। सरकार ने केदारनाथ की तर्ज पर ही बदरीनाथ धाम के विकास की महायोजना तैयार की है, जिससे वहां यात्री सुविधाएं और बेहतर हो सकें। अब जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं तो सरकार ने बदरीनाथ धाम की महायोजना को धरातल पर उतारने के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि बदरीनाथ धाम की महायोजना का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके तहत अगले सप्ताह से धाम में प्रथम चरण के पुननिर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। इसके लिए नौ विभागों के भवनों का ध्वस्तीकरण हो चुका है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) की टीम स्थलीय निरीक्षण कर चुकी है और उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्य किए जाएंगे।
जावलकर के मुताबिक महायोजना के अंतर्गत बदरीनाथ धाम में आवाजाही के लिए वन-वे सिस्टम बनाया जाएगा। वाहनों के लिए कामन ड्राप प्वाइंट होगा, जहां यात्रियों को छोड़कर वाहन पार्किंग स्थल में चले जाएंगे। फिर यात्री पैदल ही एक रास्ते से मंदिर में जाएंगे और दर्शन के बाद दूसरे से आएंगे। इस व्यवस्था के मद्देनजर बीआरओ की सड़क को बदरीनाथ कस्बे से बाहर शिफ्ट किया जाएगा, ताकि वहां किसी तरह की दिक्कत न हो। वन वे व्यवस्था के लिए नदी पर दो अतिरिक्त पुलों का निर्माण भी किया जाएगा।उन्होंने बताया कि धाम में यात्रियों के रुकने के लिए दो हजार व्यक्तियों की क्षमता के अराइवल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से बड़ा अस्पताल बनना है। इसके अलावा धाम में रिवर फंट डेवलपमेंट के अंतर्गत बाढ़ सुरक्षा कार्य तो होंगे ही, वहां 10 मीटर चौड़ा आस्था पथ भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महायोजना को धरातल पर उतारने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अगले सप्ताह से आपसी सहमति के आधार पर शुरू की जाएगी।