सीएयू की पैरवी के बाद सोमवार देर शाम बीसीसीआई ने एक बार फिर नई मतदाता सूची जारी करते हुए उत्तराखंड को मतदान का अधिकार दे दिया। 21 तारीख को जारी सूची में 30 नाम थे जबकि 22 तारीख की शाम को बोर्ड के चुनाव अधिकारी एके जोति की ओर से जारी सूची में 31वां नाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से महिम वर्मा का जोड़ा गया है। हालांकि यूपीसीए और झारखंड को चुनाव अधिकारी ने मताधिकार का अधिकार नहीं दिया है।रविवार शाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से जारी मतदाता सूची में सीएयू की ओर से मतदाता के तौर पर भेजे गए सचिव महिम वर्मा का नाम नहीं होने पर हंगामा मच गया। इसके लिए हर कोई सीएयू सचिव महिम वर्मा और अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला की कार्यशैली पर अंगुली उठाने लगा।
चार दिसंबर को बीसीसीआई की होने वाली एजीएम और गवर्निंग काउंसिल चुनाव के लिए इलेक्टोरल रोल बनाया गया है। इस सूची के खिलाफ सीएयू के कार्यविरत कोषाध्यक्ष महिम वर्मा और उत्तराखंड युवा संगठन के गोपाल सिंह गैलाकोटि ने सीएयू में जारी कथित भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायत बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी से की। यही वजह रही कि चुनाव अधिकारी ने 21 नवंबर को जारी सूची में सीएयू का नाम हटा दिया। अब 22 तारीख को जारी सूची में महिम वर्मा का नाम 31वें मतदाता के रूप में जोड़ दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी ने 17 नवंबर से लेकर 22 नवंबर तक मतदाता सूची को चार बार बदला है।
हम हार नहीं मानेंगे, गलत के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी ने किस नियम के तहत ऐसा किया है, यह बड़ा सवाल है। बीसीसीआई से पूछेंगे कि सीएयू ने कौन सा प्रस्ताव भेजा, जिसके आधार पर उन्होंने मतदाता लिस्ट में महिम का नाम जोड़ा है। हम फिर से शिकायत करेंगे और जरूरी हुआ तो चुनाव के खिलाफ भी जाएंगे।
– पृथ्वी सिंह नेगी (कार्यविरत कोषाध्यक्ष)
बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी भी अगर गलत करेंगे तो उनके खिलाफ भी कोर्ट जाने का विकल्प खुला है। उत्तराखंड की प्रतिष्ठा और यहां के खिलाड़ियों के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। अपने संगठन की ओर से मैं एक बार फिर से बीसीसीआई के समक्ष अपनी शिकायत भेजूंगा और हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी।
– गोपाल सिंह गैलाकोटि, उत्तराखंड युवा संगठन
बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी के समक्ष हमने अपना पक्ष रखा तो उन्होंने हमारी बात सुनी और मतदान का अधिकार हमें दिया। मैं पहले ही कह रहा था कि सर्वसम्मति से सचिव महिम वर्मा का नाम भेजा गया था। अधिकार मिलने से साबित है कि हम गलत नहीं है। विरोधियों को जो करना है वह करते रहें।