- भारत ने आधी लड़ाई जीत ली है, लेकिन अभी शुरुआत है। लड़ाई लंबी चलेगी।
- भारत जैसे सघन आबादी वाले देश में एकाएक लॉकडाउन खोलना खतरनाक होगा।
- भारत ने संक्रमण से पहले ही लॉकडाउन करके अच्छा किया। जिन देशों ने देर की, वे भुगत रहे हैं।
- जब तक कोरोना वायरस की कोई कारगर वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक कोरोना के खतरे को लेकर बेफिक्र नहीं होना चाहिए, क्योंकि कोरोना का असर 18 महीने रह सकता है।
नई दिल्ली : अमेरिका के हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर आशीष झा ने कोरोना के खिलाफ किये गए भारत के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एहतियाती कदम से भारत ने आधी लड़ाई जीत ली है, लेकिन अभी शुरुआत है। लड़ाई लंबी चलेगी। उन्होंने कहा कि भारत जैसे सघन आबादी वाले देश में एकाएक लॉकडाउन खोलना खतरनाक होगा।
बता दें, आशीष झा ने कोरोना वायरस पर काफी काम किया है। चार महीने पहले ही उन्होंने अमेरिका को आगाह कर दिया था, जो बाद में सच साबित हुआ। डॉ. आशीष ने बताया कि भारत ने संक्रमण से पहले ही लॉकडाउन करके अच्छा किया। जिन देशों ने देर की, वे भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार-उत्तर प्रदेश को टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। छोटे-छोटे सेक्टरों में कुछ हद तक रियायत देने की तैयारी भी करनी चाहिए, क्योंकि संक्रमण फैलने का खतरा अभी टला नहीं है। दोनों राज्यों को आर्थिक मोर्चे पर भी मुकाबला करना है। रेड जोन एवं कंटेनमेंट एरिया में छूट भारी पड़ सकती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसीन के प्रोफेसर के मुताबिक संदिग्धों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना वायरस की कोई कारगर वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक कोरोना के खतरे को लेकर बेफिक्र नहीं होना चाहिए, क्योंकि कोरोना का असर 18 महीने रह सकता है।