मुंबई : महाराष्ट्र में सत्ता की उठापटक जारी है. गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने और बहुमत मिलने के बाद भी शिव सेना -भाजपा अभी तक सरकार गठित नहीं कर पाए. शिव सेना मुख्यमंत्री के पद को लेकर अड़ गई है. आज शिवसेना नेता रामदास कदम और संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। बताया जाता है कि इस मुलाकात के दौरान संजय राउत ने राज्यपाल के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनने में हो रही देरी के लिए शिवसेना कतई जिम्मेदार नहीं है। साथ ही, महाराष्ट्र में सरकार बनने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। इसके अलावा इन तीनों नेताओं ने कई अन्य मसलों पर भी इस दौरान चर्चा की है। संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल ने हमारी बातें धैर्यपूर्वक सुनी।इस मौके पर हमने कहा कि जिसके पास बहुमत है उसे सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने गौरतलब है कि रविवार को अपनी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होने का दावा किया था। उन्होंने कहा है कि यदि भाजपा सरकार बनाने में असमर्थ रही तो शिवसेना का मुख्यमंत्री स्व. बालासाहब ठाकरे के समाधिस्थल शिवतीर्थ पर शपथ लेगा। राउत ने राकांपा नेता अजीत पवार को मोबाइल से संदेश भेजकर संपर्क साधने की कोशिश भी की।
महाराष्ट्र के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी को रहस्यमय करार देते हुए संजय राउत ने कहा कि हरियाणा जैसे छोटे राज्य में शुरू हुई अड़चन के समय अमित शाह ने पहल करके जिस तरह हल निकाला, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में भी वह हल निकाल सकते थे। राउत का मानना है कि चूंकि लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे से अमित शाह की ही बात हुई थी। इसलिए अब भी यदि शाह एक बार उद्धव ठाकरे के सामने बैठ जाते तो समस्या का समाधान आसानी से निकल सकता था।