दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम ‘मोदी’ को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर किए गए मानहानि के मामले में राहुल गांधी सूरत के एक कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में जब जज ने पूछा कि क्या उन्हें अपना गुनाह कबूल है, तो राहुल गांधी ने कहा नहीं।
कोर्ट में पेशी को लेकर गुरुवार की सुबह वह सूरत पहुंचे। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। मालूम हो कि इसी साल लोकसभा चुनाव के दौरान एक भाषण में उन्होंने टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?’
कांग्रेस बोली- राहुल गांधी ने नहीं भाजपा ने की मोदी समाज की बेइज्जती
राहुल गांधी पर मानहानि केस को लेकर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता को विपक्ष की आलोचना सहने की क्षमता होनी चाहिए। राहुल गांधी ने अपने भाषण में ललित मोदी और नीरव मोदी को चोर कहा था, जबकि नरेंद्र मोदी को असफल बताया था। भाजपा ने उनके बयान को पूरे मोदी समाज के साथ जोड़ दिया और बेइज्जती की।
इधर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने कहा कि राहुल गांधी को कोर्ट ने समन जारी किया था, इसलिए कोर्ट के सम्मान में वे सूरत पहुंचे हैं। कानून को अपना काम करने दीजिए। देखना है कि कोर्ट कब अपना क्या फैसला सुनाती है। कोर्ट जो आदेश देगी, पालन किया जाएगा।
भाजपा विधायक ने दर्ज कराया था आपराधिक मानहानि का केस
इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है। इसी मामले को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी पटना कोर्ट में केस दर्ज कराया था, जिस मामले में पेशी के लिए राहुल गांधी पटना गए थे।
सूरत की एक अदालत ने इस आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को निजी उपस्थिति से छूट दे दी थी, लेकिन बाद में कोर्ट ने इस निष्कर्ष पर राहुल गांधी को समन भेजा था कि उनके खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएच कपाड़िया ने मई में गांधी के खिलाफ समन जारी किया था। राहुल इस मामले में गुरुवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। इसी तरह के एक अन्य मामले में वह शुक्रवार को अहमदाबाद के एक कोर्ट में पेश होंगे।