- राफिया नाज 4 साल की उम्र से ही योग कर रही हैं।
- उन्होंने योग के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 52 मेडल जीते हैं।
- राफिया को जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय योगा फेस्टिवल में ‘नेशनल पतंजलि योगा प्रमोटर पुरस्कार’ से नवाजा गया
- लखनऊ के अखिल भारतीय योग महासम्मेलन में ‘योगप्रभा’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- योगगुरु बाबा रामदेव सम्मानित कर चुके हैं।
- सबसे बड़े मदरसे में भी योग करवा चुकी हैं।
राँची(झारखंड) : योग की शिक्षा देकर देश का नाम रौशन वाली झारखंड की राजधानी राँची की राफिया नाज (Rafia Naz) पिछले कई सालों से मजहबी कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। राफिया नाज योग के क्षेत्र में आज एक जाना पहचाना नाम हैं। परन्तु योग को धर्म से परे मानने वाली राफिया को योग के कारण ही निशाना भी बनाया जा रहा है। राफिया का योग प्रेम कट्टरपंथियों को रास नहीं आता है। इस वजह से उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया जा चुका है।
ऑनलाइन जारी हुआ फतवा
राफिया बताती हैं कि अब तो ये सब उनके लिए सामान्य दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। वो सालों से इन कट्टरपंथियों के गाली-धमकी और हमले को झेल रही हैं। वो कहती हैं कि 8 नवंबर 2017 को तो जी न्यूज पर ऑनएयर कहा गया था कि राफिया नाज के जनाजे में मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ेंगे। इसके एक दिन बाद ही, यानी कि 9 नवंबर 2017 को उसके घर पर पत्थरबाजी की गई।
राफिया नाज कहती हैं कि योगा सिखाने की वजह से उन्हें भद्दी-भद्दी गंदी गालियाँ दी गई, उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। ये पूछने पर वो लोग ऐसा क्यों कर रहे तो उनका कहना है कि मैं एक मुस्लिम होकर योग कैसे सिखा सकती हूँ।
राफिया कहती हैं, “मेरे ऊपर ना सिर्फ कमेंट किए जाते हैं बल्कि मुझे मारा भी गया है। 20 जून 2016 को मेरे ऊपर शारीरिक हमला किया गया। उस समय भी रोजा चल रहा था और मुझे बहुत बुरी तरह से मारा गया। मैं सड़क पर चलकर आ रही होती थी, तो मेरे ऊपर गमला फेंक दिया जाता था, कभी दुपट्टा खींचकर कोई चला जाता। एक बार रॉड से मेरे कमर पर मारा गया। बहुत कुछ हुआ है मेरे साथ।”
चार साल की उम्र से कर रही हैं योग
राफिया नाज की योग में रुचि का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकती हैं कि वो 4 साल की उम्र से ही योग कर रही हैं। अब तक उन्होंने योग के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 52 मेडल जीते हैं। राफिया को जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय योगा फेस्टिवल में ‘नेशनल पतंजलि योगा प्रमोटर पुरस्कार’ से नवाजा गया था। इसी तरह लखनऊ के अखिल भारतीय योग महासम्मेलन में ‘योगप्रभा’ की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें खुद योगगुरु बाबा रामदेव सम्मानित कर चुके हैं। वो सबसे बड़े मदरसे में भी योग करवा चुकी हैं।
राफिया नाज कहती हैं कि योग आत्मा से परमात्मा को जोड़ने का माध्यम है। इससे धर्म से कोई लेना देना नहीं है। राफिया ने ‘Yoga beyond religion’ नाम से एक स्कूल खोला है। इसमें वो गरीब और अनाथ बच्चों को मुफ्त में योग सिखाती हैं और अब तक कई लोगों को उन्होंने योग सिखाकर योग शिक्षक के रुप में नौकरी भी उपलब्ध करवाई है।