नागरिकता प्रमाण पत्र मिलने के बाद आंखें छलक आयीं तथा भारत माता की जय का नारा लगाया. ये सभी लोग पाकिस्तान के बिगड़ते हालात और अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर अपनी जान बचाकर यहां आए थे. दो माह में 35 पाकिस्तानी विस्थापितों को भारत की नागरिकता दी गई है. 28 अन्य पाकिस्तानी प्रवासियों ने भी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है और उसके लिए प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा 63 अन्य मामलों में भी जांच हो रही है.
नई दिल्ली (विसके): पाकिस्तान से भारत आए 21 अन्य हिन्दू विस्थापितों को राजस्थान में नागरिकता मिल गयी. जयपुर जिला कलेक्टर ने वर्षों से रह रहे हिन्दू विस्थापितों को नागरिकता प्रदान की, नागरिकता प्रमाण पत्र मिलने के बाद आंखें छलक आयीं तथा भारत माता की जय का नारा लगाया. ये सभी लोग पाकिस्तान के बिगड़ते हालात और अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर अपनी जान बचाकर यहां आए थे. संभागीय आयुक्त के.सी. वर्मा और जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने भारत गणराज्य की नागरिकता के प्रमाणपत्र सौंपे. दो माह में 35 पाकिस्तानी विस्थापितों को भारत की नागरिकता दी गई है. 28 अन्य पाकिस्तानी प्रवासियों ने भी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है और उसके लिए प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा 63 अन्य मामलों में भी जांच हो रही है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी, जिसमें पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को वापस भेजने की बात कही गई थी. विदेशियों के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई थी. अशोक गहलोत सरकार ने हिन्दुओं के लिए भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाने का आदेश दिया था.
सोनिया करीब 19 साल पहले अपने माता पिता के साथ पाकिस्तान से जान बचाकर भारत आई थी, आज 19 साल बाद आंखों में फिर से आंसू हैं, लेकिन फर्क इतना है कि इस बार खुशी के आंसू हैं. पाकिस्तान से आने के पश्चात तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की बात तो दूर अपना बैंक खाता तक नहीं खोल पा रही थी, लेकिन 19 साल बाद आज नागरिकता को लेकर सरकारी जांच प्रक्रिया समाप्त हो गई और भारतीय नागिरक होने का प्रमाण पत्र मिल गया.