दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई के नेतृत वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं।
फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अदालत के फैसले को किसी की हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की।मोदी ने फैसला आने के बाद कई ट्वीट कर कहा, ‘देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’ मोदी ने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में आम लोगों के विश्वास को और मजबूत करेगा।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘न्याय के मंदिर (उच्चतम न्यायालय) ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।’ मोदी ने देशवासियों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि राम भक्ति हो या रहीम भक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारत भक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।मोदी ने कहा कि हमें भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
इस फैसले के बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि वह न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिल गया है।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि ‘श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।’
उन्होंने कहा कि दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है। मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूं।
अमित शाह ने आगे कहा कि श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरतय सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
गृह मंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।