वृद्ध महिला ने द्रवित आंखों से स्वयंसेवकों को आशीर्वाद दिया और भावुक होकर कहा कि – यह सुनिश्चित करना कि मेरी मृत्यु के समय आप मेरे पास रहें, यह मेरा सौभाग्य होगा कि मृत्यु के पश्चात आप मेरे अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूरी करें, मुझे विश्वास है कि इससे मोक्ष प्राप्त होगा. वृद्ध महिला के ये शब्द स्वयंसेवकों के लिए भावुक करने वाले थे. आवश्यकता के समय सहायता मिलने के पश्चात महिला के ये शब्द स्वयंसेवकों के लिए आशीर्वाद समान हैं.
बेंगलुरु (विसंकें) : संकट की स्थित में फंसे जरूरतमंद लोगों की सहायता में लगे स्वयंसेवक बेलगावी जिला के सवादत्ती गांव में पार्वती अम्मा के घर के बाहर पहुंचे तो काफी आवाजें लगाने के बाद जर्जर हाल घर में रहने वाली वृद्ध महिला बाहर निकलीं, स्वयंसेवकों ने उन्हें राशन की किट प्रदान की. वृद्ध महिला की आंखों में अश्रुधारा बह निकली, उन्हें आशा नहीं थी कि लॉकडाउन के समय में भी कोई सहायता व राशन देने के लिए घर आएगा.
वृद्ध पार्वती अम्मा को पिछले साल की बात भी याद आई, कि पिछले वर्ष बाढ़ के समय भी उसके घर स्वयंसेवक आए थे और सहायता प्रदान की थी. वृद्ध महिला ने स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया. वृद्ध महिला ने द्रवित आंखों से स्वयंसेवकों को आशीर्वाद दिया और भावुक होकर कहा कि – यह सुनिश्चित करना कि मेरी मृत्यु के समय आप मेरे पास रहें, यह मेरा सौभाग्य होगा कि मृत्यु के पश्चात आप मेरे अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूरी करें, मुझे विश्वास है कि इससे मोक्ष प्राप्त होगा. वृद्ध महिला के ये शब्द स्वयंसेवकों के लिए भावुक करने वाले थे. आवश्यकता के समय सहायता मिलने के पश्चात महिला के ये शब्द स्वयंसेवकों के लिए आशीर्वाद समान हैं.