- किसानों ने स्वयं वहन किया अभी तक एक करोड़ से अधिक का खर्च
- गत वर्ष सतलुज में बाढ़ के कारण आई दरारों को भी भरा
- लगभग चार दर्जन से अधिक गांवों को बाढ़ से मिलेगी राहत
- संत बलबीर सिंह सींचेवाल के नेतृत्व में जुटे लोग कारसेवा को
सुलतानपुर लोधी (जालंधर) : विश्व के जाने माने पर्यावरणविद् पद्मश्री संत बलबीर सिंह सींचेवाल के नेतृत्व में चल रही कारसेवा के दौरान समाज के लोगों ने एकजुट हो कर सतलुज नदी की 21 में से 12 दरारों को साफ कर दिया है. इससे नदी की जलग्रहण क्षमता बढ़ने व बाधाएं दूर होने से पंजाब के दोआबा इलाके में बाढ़ का प्रकोप कम होगा. बाढ़ आने के बाद लोगों ने जानियां चाहल गांव के पास टूटे बांध को मजबूत किया है.
संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने बताया कि सतलुज दरिया की चल रही कारसेवा के दौरान किसानों ने 1 करोड़ 26 लाख से अधिक का डीजल अपनी कमाईं में से डाल कर सतलुज दरिया में गिद्दड़पिंडी पुल के नीचे से मिट्टी निकाल कर धुस्सी बाँध ऊँचा और मज़बूत कर लिया है. सतलुज दरिया पर बने इस रेलवे पुल के 21 दरारें हैं. जिस में से पानी गुजऱता है. इनमें से अब तक 12 दरारें साफ हो चुकी हैं. इसी तरह बाकी के दरारों में से भी मिट्टी निकाली जानी है, परन्तु पीछे से दरिया में पानी छोड़े जाने कारण कारसेवा का काम काफी प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान इलाके के लोगों ने सतलुज दरिया के टेढ़ेपन को सीधा कर लिया.
जानियाँ चाहल बाँध पर मास्क बाँध किसानों ने इस इलाके को बाढ़ की मार से बचाने के लिए संत बलबीर सिंह सींचेवाल की तरफ से किये जा रहे आगामी प्रबंधों की प्रशंसा करते कहा कि अगर इलाकों ने अपना भविष्य बचाना है तो सतलुज दरिया में गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे से 18 फुट तक मिट्टी निकालने की चल रही कार सेवा में सहयोग करें. इस मौके विधायक हरदेव सिंह लाडी ने किसानों को आश्वासन दिया कि सतलुज दरिया में से मिट्टी निकालने के लिए जो भी पंजाब सरकार से मदद चाहिए होगी तो वह खुद इस संबंध में सीधे तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बातचीत करेंगे.
गत वर्ष आई बाढ़ ने लोहियाँ और सुलतानपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भारी तबाही मचाई थी और बड़े स्तर पर किसानों की हाजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी.
संत सींचेवाल ने कहा कि बरसात का मौसम शुरू होने से पहले-पहले रेलवे पुल के बाकी दरारें भी साफ किये जाएंगे. जो सवा करोड़ से अधिक का डीजल लगा है, उसके सभी पैसे पंजाब के अनिवासी भारतीयों और दरिया किनारे बसते गाँवों वालों ने एकत्रित किये. दरिया किनारे वाले गाँव दोबारा तबाही न देखें इसलिए पिछले 9 महीनों से लगातार काम जारी है-दीपक शर्मा