संसदः यूपी में कानून व्यवस्था पर संग्राम, स्मृति ईरानी से भिड़ा विपक्ष

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स्मृति ईरानी (फाइल फोटो)
दिल्ली। उन्नाव में एक दुष्कर्म पीड़िता को जलाये जाने की घटना की ओर इंगित करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चैधरी ने कहा कि आज हम एक तरफ राम मंदिर बनाने वाले हैं दूसरी तरफ देश में सीताएं जलाई जा रही हैं। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी और कांग्रेस के कुछ सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हो गयी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि गंभीर टिप्पणी का जवाब गंभीर टिप्पणी से दिया जा सकता है, लेकिन सदस्य आसन की ओर नहीं बढ़ सकते और सहयोग से ही कार्यवाही चलनी चाहिए तथा सदन की गरिमा बनाये रखनी चाहिए।

स्मृति ईरानी के बयान के दौरान ही कांग्रेस के टी एन प्रतापन एवं कुछ सदस्य विरोध करते हुए अपनी सीट से उठकर आसन की ओर बढ़ने लगे । प्रतापन को केंद्रीय मंत्री ईरानी की ओर संकेत करके कुछ कहते देखा गया। इस पर ईरानी ने कहा कि उन्हें इस सदन का सदस्य होने के नाते अपनी बात रखने का अधिकार है। वह कांग्रेस सदस्यों से यह भी कहते सुनी गयीं कि वे उन पर चिल्ला नहीं सकते। इस बीच स्मृति ईरानी भी अपनी सीट से बाहर निकलकर आई।

एनसीपी की सुप्रिया सुले एवं कुछ अन्य सदस्यों को उत्तेजित कांग्रेस के सदस्यों को बैठाने का प्रयास किया। वहीं, केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद जोशी एवं प्रहलाद पटेल ने स्मृति ईरानी को बैठने का आग्रह किया। इससे पहले, शून्यकाल में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य कह रहे थे कि राजनीतिक मुद्दा नहीं है लेकिन उन्होंने महिला सुरक्षा और सम्मान के विषय को भी सांप्रदायिकता से जोड़ दिया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ।

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