दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया। इस बिल के पारित होते ही छह दशक पुराना नागरिकता कानून-1955 बदल जाएगा और तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानस्तिान से आने वाले गैरमुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया बेहद सहज हो जाएगी। सरकार की योजना लोकसभा में यह बिल पारित कराने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी इस पर मंजूरी की मुहर लगवा लेने की है।
अधीर रंजन की माफी पर अड़ी भाजपा
केंद्रीय मंत्री स्मृत ईरानी से छह दिसंबर को लोकसभा में हुए दुर्व्यवहार पर भाजपा आक्रामक है। गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन से माफी की मांग की है। दरअसल शुक्रवार को सदन में स्मृति ईरानी उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जलाने की घटना पर जवाब दे रही थीं, उसी वक्त कांग्रेस के सांसद उनके सामने आक्रामक भाव मुद्रा में पहुंच गए। इससे पहले ईरानी ने कहा था कि वह कांग्रेस के दोनों सांसदों के कथित दुर्व्यवहार से दुखी हैं।
हर कीमत पर विरोध करेंगे-अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं। पार्टी हर कीमत पर इसका विरोध करेगी।’
दिल्ली अग्निकांड पर हंगामा
वहीं राज्यसभा में दिल्ली के अनाज मंडी में लगी आग का मुद्दा उठाया। भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा कि उपहार कांड से भी कोई सीख नहीं ली गई। वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मनीष तिवारी ने शिक्षा ऋण पर पूछा सवाल
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में शिक्षा ऋण की माफी के सवाल पर कहा, ‘बेरोजगारी की दर आज 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। वर्तमान आर्थिक मंदी को देखते हुए, सरकार केंद्रीय डेटाबेस को बनाए रखने पर विचार करेगी, जहां उन्हें जानकारी हो कि किसी व्यक्ति ने शिक्षा ऋण का लाभ उठाया है या नहीं?’
नागरिकता विधेयक का समर्थन करेगी शिवसेना
सामना के जरिए शिवसेना ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह इस विधेयक को लेकर सरकार का समर्थन करेगी। हालांकि उसने इसमें बदलाव की मांग की है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने पूछा है कि क्या कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर जा पाएंगे। उनका कहना है कि अप्रवासी हिंदुओं को नागरिकता दी जानी चाहिए।
बदरुद्दीन अजमल ने किया विरोध
असम के धुबरी से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने नागरिक संशोधन विधेयक पर कहा, ‘यह विधेयक संविधान और हिंदू-मुस्लिम एकता के खिलाफ है। हम इस विधेयक को खारिज करते हैं और इस मामले में विपक्ष हमारे साथ है। हम इस विधेयक को पास नहीं होने देंगे।’ वहीं उनकी पार्टी एआईयूडीएफ जंतर-मंतर पर बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रही है।
नागरिकता विधेयक के समर्थन में आई एआईएडीएमके
एआईएडीएमके नागरिकता संशोधन विधेयक के समर्थन में आ गई है। पार्टी के राज्यसभा में 11 सांसद हैं।
क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक
इस बिल के पारित होते ही छह दशक पुराना नागरिकता कानून-1955 बदल जाएगा और तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानस्तिान से आने वाले गैरमुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया बेहद सहज हो जाएगी। सरकार की योजना सोमवार को लोकसभा में यह बिल पारित कराने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी इस पर मंजूरी की मुहर लगवा लेने की है।