संस्थानों की संबद्धता में मनमानी का मामला, सीबीआई की टीम ने गढ़वाल विवि में डाला डेरा

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निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता और सीट वृद्धि मामले की जांच कर रही सीबीआई की चार सदस्यीय टीम ने बुधवार को कुलसचिव सभागार में बैठकर दस्तावेज खंगाले। दोपहर बाद इस मामले में आरोपी 8 शिक्षकों/अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से टीम के समक्ष पेश होना था। टीम दिन भर बंद कमरे में कागजात देखती रही। टीम एक-दो दिन श्रीनगर में रुककर रिपोर्ट बनाएगी।

यह प्रकरण विवि में काफी चर्चाओं में रहा था
वर्ष 2014 से 2016 के बीच तत्कालीन कुलपति जेएल कौल, उनके ओएसडी और कुछ शिक्षकों अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई को शिकायत मिली थी। आरोप था कि उक्त अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता मामले में गड़बड़ी की है। वर्ष 2016-17 में यह प्रकरण विवि में काफी चर्चाओं में रहा था। मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि तत्कालीन कुलपति प्रो. जेएल कौल की विवि से तीन साल में ही विदाई हो गई।

गत वर्ष सीबीआई ने गढ़वाल विवि को पत्र भेजकर विवि से संबद्ध संस्थानों मेें सीट वितरण में अनियमितता के मामले में शिक्षकों/अधिकारियों के विरुद्ध जांच करने की अनुमति मांगी थी। कार्य परिषद को मई 2020 में आयोजित बैठक में केस दर्ज करने की अनुमति दे दी गई। इस प्रकरण में विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हैं जबकि कुछ अधिकारी व प्रोफेसर रिटायर भी हो चुके हैं।

देहरादून से सीबीआई की 4 सदस्यीय टीम विवि मुख्यालय पहुंच गई
गत जुलाई माह मेें सीबीआई इस प्रकरण में देहरादून के 6 निजी संस्थानों समेत विवि के 14 अधिकारियों/शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। इस बीच सीबीआई की ओर से विवि से पत्रावलियां भी मंगवाई गईं लेकिन मंगलवार रात देहरादून से सीबीआई की 4 सदस्यीय टीम विवि मुख्यालय पहुंच गई।

बुधवार सुबह टीम के सदस्य प्रशासनिक भवन पहुंचे और कुलसचिव सभागार में चले गए। यहां उन्होंने विवि के अधिकारियों से फाइलें मंगवाई। दोपहर तक टीम बंद कमरे में दस्तावेजों का अवलोकन करती रही। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार से टीम आरोपी शिक्षकों/अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।

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