दिल्ली : दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काफ़ी काम कर रहा है और लगातार जनसेवा में लगा हुआ है। संघ के संगठन ‘सेवा भारती’ ने पूरी दिल्ली में ग़रीबों को खाना खिलाने से लेकर बेसहारा लोगों को ज़रूरी संसाधन मुहैया कराने के लिए दिन-रात एक किया हुआ है। 5000 संघ कार्यकर्ता लगातार लोगों के बीच भोजन बाँटने में लगे हुए हैं। फ़िलहाल 75 हज़ार भोजन के पैकेट रोज बाँटे जा रहे हैं।
पूरी दिल्ली में 45 किचेन काम कर रहे हैं। समाजसेवा में डॉक्टरों और सरकार की सलाहों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सोशल डिस्टन्सिंग का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वो एक स्थानीय बुजुर्ग की पूरी जिम्मेदारी उठाए और उनकी दवाओं से लेकर भोजन तक का इंतजाम किया जा रहा है। पूरी दिल्ली में क्राउड मैनेजमेंट के लिए भी काम किया जा रहा है। जैसे, आनंद विहार में जब केजरीवाल सरकार ने हजारों-लाखों मजदूरों को यूपी सीमा पर ढाह दिया, तब वहाँ अफरातफरी मचने पर 250 संघ कार्यकर्ताओं ने जाकर लोगों को सँभालने में पुलिस की मदद की।
दिल्ली की गायों का भी ध्यान रखा जा रहा है। गौशालाओं का ख्याल रखा जा रहा है। आवारा पशुओं और पक्षियों, जैसे गायों और कुत्तों के खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है। दिल्ली के लिए ‘युवा हेल्पलाइन’ जारी किया गया है। ऐसा ही हेल्पलाइन नॉर्थ-ईस्ट के युवाओं के लिए भी जारी किया गया है। अकेले सोमवार (मार्च 30, 2020) को इस हेल्पलाइन नंबर पर 12,500 फोन कॉल्स आए। आज दिन भर में लगभग 30 हज़ार फोन कॉल्स आए। हेल्पलाइन नंबर पर भोजन और दवा से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक के लिए विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।
साथ ही डोनेशन के लिए भी विकल्प दिया गया है। साथ ही स्वयंसेवकों को भी स्वेच्छा से काम में लगाया जा रहा है। अब तक 750 लोगों से रजिस्टर कराया गया, जिन्हें अलग-अलग काम सौंपे गए हैं। 11 लोगों की टीम बनाई गई है, जो लगातार कॉल-मॉनिटरिंग में लगे हुए हैं। इसके अलावा 15 लोगों की डिलीवरी मॉनिटरिंग टीम बनाई गई है। अप्रैल 1, 2020 से ‘रॉ मटेरियल पैकेजिंग सेंटर’ भी चालू हो जाएगा। किसी भी सेवा के लिए रुपए नहीं लिए जा रहे हैं। सारी सेवाएँ मुफ्त ही दी जा रही है।
सेवा भारती ने आश्वासन दिया है कि एक ग्लोबल हेल्थ सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए संगठन के पास पूरी क्षमता है और इसके लिए पूरी लगन भी है। हरि नगर स्कूल में मटेरियल सेंटर का भी निर्माण किया गया है। संगठन किसी इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा 20 हज़ार लोगों का राशन स्टोर में रखता है। ऐसी कई टीमें मौजूद हैं, जिनकी मदद से लोगों तक और उनके घरों तक पहुँचा जा रहा है।