‘सोनिया-राहुल सोफे पर बैठे, खरगे के लिए किनारे लगाई अलग कुर्सी’, भाजपा ने कांग्रेस को बताया दलित विरोधी

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Amit Malviya Video: Sonia Rahul Gandhi sat on sofa separate chair was placed on side for Mallikarjun Kharge

भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस और उसके आलाकमान पर दलित विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया। दरअसल, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अमहदाबाद में चल रही है। इससे जुड़ा एक वीडियो भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। इसमें दिखाया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए अलग से कुर्सी लगाई गई, जबकि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बीच में लगे सोफे पर बैठे थे। अमित मालवीय ने लिखा, ‘पहले खरगे जी का सम्मान करना सीखो। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी कुर्सी किनारे पर लगाने का क्या मतलब था? यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस दलित विरोधी है।’

राहुल के हमले पर मालवीय का पलटवार
दरअसल, अमित मालवीय का पोस्ट राहुल गांधी के वीडियो ट्वीट के जवाब में आया, जिसमें राहुल ने भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया था। राहुल ने एक वीडियो डालकर लिखा था, ‘भाजपा की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण! भाजपा लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है। इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी जरूरी है। मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं जो बहुजनों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती है।’

क्या है मामला और राजस्थान से इसका क्या कनेक्शन?
मामला दो दिन पहले 7 अप्रैल को शुरु हुआ। जब कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया और भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने लिखा, ‘राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली दलित समाज से आते हैं। वे रामनवमी के दिन राम मंदिर में दर्शन के लिए गए। इसके बाद भाजपा के पूर्व विधायक और नरेंद्र मोदी के चहेते ज्ञानदेव आहूजा ने राम मंदिर को गंगाजल से धोया। आहूजा का कहना है कि दलित अपवित्र होते हैं। अपवित्र लोग मंदिर में आ गए थे, इसलिए हमने राम मंदिर को गंगाजल से धो दिया।’

भाजपा और संघ को जमकर घेरा
कांग्रेस ने आगे लिखा, ‘ये पहला मामला नहीं है, भाजपा और संघ के लोग लगातार दलितों का अपमान करते रहे हैं। मोदी के करीबी ज्ञानदेव आहूजा ने जो किया है, वह भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का जीता-जागता सबूत है। साफ है- भाजपा दलित विरोधी है और यही इनका असली चाल, चरित्र और चेहरा है। वो तो संविधान की वजह से भाजपा के लोग दलितों को बर्दाश्त कर रहे हैं और इसलिए ये बार-बार संविधान बदलने की बात भी करते हैं।’

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