हरीश रावत चाह रहे पंजाब की तर्ज पर पिछड़े वर्ग का सीएम, यशपाल व टम्टा को लेकर सियासी सक्रियता तेज

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अपने बयानों व विरोधियों पर तंज को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत कई बार उत्तराखंड में अनुसूचित चेहरे को सीएम के तौर पर देखने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। रावत के पंजाब प्रभारी रहते अनुसूचित चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य की कमान मिली भी। इस सब के बीच कांग्रेस के पुराने दिग्गज यशपाल आर्य की बेटे संजीव संग घर वापसी भी हो गई। अब राज्यसभा सदस्य व पूर्व सीएम के करीबी प्रदीप टम्टा की फेसबुक पोस्ट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार टम्टा सुरक्षित सीट सोमेश्वर से चुनाव लड़ सकते हैं। यानी हरदा की चाहत की लिस्ट में वह भी अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। 2016 में मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत ने पार्टी व निर्दलीय कोटे के विधायकों को एकजुट कर प्रदीप टम्टा को राज्यसभा भिजवाया था। अगले साल उनका कार्यकाल खत्म होने वाला है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से सांसद रह चुके टम्टा की सोमेश्वर पुरानी कर्मभूमि है। हाल में उन्होंने सोमेश्वर घाटी नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें कहा-‘उत्तराखंड भ्रमण के  दौरान मैं लोगों से मिलते रहता हूं। लेकिन इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय नहीं रहने से जनता खासकर युवा साथियों से दूर रहने जैसे लगता है। इसलिए अब मैं फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी एक्टिव रहूंगा।

ऐसे में सवाल उठता है कि हरदा बार-बार जिस वर्ग के चेहरे की पैरवी कर रहे हैं, उसमें यशपाल के साथ प्रदीप भी आते हैं। लेकिन अभी हरदा भी कोई एक नाम लेने से बच रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि आगे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में कौन सा नया मोड़ आएगा। अनुसूचित वर्ग से पहले राज्यसभा सदस्य सुरक्षित सीट सोमेश्वर से विधायक रहे प्रदीप टम्टा उत्तराखंड में अनुसूचित वर्ग से राज्यसभा में पहुंचने वाले पहले नेता रहे।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान भाजपा सांसद अजय टम्टा विधायक से लेकर सांसद के चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। प्रदीप शुरू से हरदा के करीबी नेताओं में शामिल रहे। पार्टी ने हमेशा उन्हें सम्मान दिया। राजनैतिक महत्वकांक्षाओं को कभी उन्होंने सार्वजनिक नहीं किया। राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि मेरा लक्ष्य कांग्रेस की वापसी है। इसलिए पूरे प्रदेश के लोगों से मिल रहा हूं। बाकी पार्टी को निर्णय लेना है कि कहां मेरा उपयोग किया जाए। मुझे हर फैसला मंजूर।

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