गौरी लंकेश की हत्या के 3 दिन बीत जाने पर भी पुलिस कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं जुटा पाई है. कर्नाटक के गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े सुराग देने वाले को 10 लाख इनाम की घोषणा भी कर डाली है. गौरी लंकेश (55) की 5 सितंबर को बेंगलुरू में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
नई दिल्ली (एजेंसीज): बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद राहुल गांधी द्वारा अनावश्यक रूप से संघ को घसीटने से नाराज भाजपा ने पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लंकेश की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा कि उन्होंने बिना किसी जाँच के आरएसएस हाथ लंकेश की हत्या के पीछे बता दिया. उन्होंने कर्नाटक सरकार पर सवाल भी खड़े किए. प्रसाद ने पूछा कि कर्नाटक सरकार ने लंकेश को क्यों सुरक्षा मुहैया नहीं कराई? प्रसाद ने कहा कि हर हत्या की निंदा होनी चाहिए लेकिन मेरे उदार दोस्त केरल और कर्नाटक में आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पर क्यों चुप हो जाते हैं?
प्रसाद ने ध्यान दिलाया कि गौरी लंकेश के भाई ने खुद कहा है कि उनकी बहन नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर काम कर रही थी. क्यों उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई? केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया और कहा कि उन्होंने आरएसएस और दक्षिणपंथी का हाथ लंकेश की हत्या के पीछे बता दिया. क्या इसीलिए कर्नाटक सरकार ने जांच रोककर राहुल के बयान पर चलना शुरू कर दिया. प्रसाद ने कहा कि जैसे ही हत्या हुई, लोगों ने इसे दक्षिणपंथी धड़ों की साजिश बताना शुरू कर दिया.
गौरी लंकेश की हत्या के 3 दिन बीत जाने पर भी पुलिस कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं जुटा पाई है. कर्नाटक के गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े सुराग देने वाले को 10 लाख इनाम की घोषणा भी कर डाली है. गौरी लंकेश (55) की 5 सितंबर को बेंगलुरू में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सोशल मीडिया को लेकर सवालों का भी दिया जवाब
पत्रकार कम, वामपंथी एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या के बाद आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी कुछ लोगों को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फॉलो करने के आरोपों को भी बीजेपी ने हास्यास्पद बताया और कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को लेकर चुनिंदा तरीके की सोच को दर्शाता है. पूछा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आप नेता अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं से कभी उनके फॉलोअरों के व्यवहार को लेकर सवाल नहीं पूछे जाते.