- दल 27 अगस्त को उत्तरकाशी से रवाना हुआ था
- दो सितंबर की शाम को जांबाज बेटियों ने आगे कदम बढ़ाए
- और छह सितंबर को शिखर पर पहुंच गईं
- महिलाओं को कमजोर समझा जाता है
- लेकिन 6275 मीटर ऊंची चोटी जीत हमने साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं
उत्तरकाशी (संवाददाता): ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत कोलकाता से आए महिलाओं के दस सदस्यीय दल ने गंगोत्री हिमालय की नई चोटी कर तिरंगा लहराया। 6275 मीटर ऊंची इस चोटी को अभी कोई नाम नहीं दिया गया है। दल की सदस्य ही इस चोटी का नामकरण करेंगी।
दल एवरेस्ट विजेता और गाइड विष्णु प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में 27 अगस्त को उत्तरकाशी से रवाना हुआ था। सेमवाल ने बताया कि भोजवासा, गोमुख, नंदनवन होते हुए दल 4992 मीटर की ऊंचाई पर वासुकी ताल पहुंचा। दल ने यहीं बेस कैंप बनाया, लेकिन लगातार दो दिन बर्फबारी होने से ये लोग आगे नहीं बढ़ पाए। दो सितंबर की शाम को मौसम साफ हुआ तो जांबाज बेटियों ने आगे कदम बढ़ाए और छह सितंबर को शिखर पर पहुंच गईं। गाइड विष्णु सेमवाल ने बताया कि अभी इस चोटी का कोई नाम नहीं रखा गया है। इसके लिए इंडियन माउंटेनियरिंग एसोसिएशन दिल्ली से पत्राचार चल रहा है।
उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में चोटी का नामकरण कर दिया जाएगा। दल में महुआ विश्वास, सुजाता भट्टाचार्य, अमृता दास, सुप्रिया देई, लक्ष्मी घोष, स्वरूपा मोंदल, साथी, वंदना हलधर, उन्नति पांडे, मोमिता घोष और सुजाता भट्टाचार्य शामिल थीं। महुआ विश्वास ने बताया कि उनकी टीम हिमाचल और सिक्किम में भी पर्वतारोहण कर चुकी है।
विश्वास ने कहा कि समाज में महिलाओं को कमजोर समझा जाता है, लेकिन 6275 मीटर ऊंची चोटी जीत हमने साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कहा कि अब हमारा लक्ष्य गंगोत्री हिमालय शिवङ्क्षलग शिखर को फतह करना है।