नक्सलियों की पत्रिका प्रभात में आतंकवादी बुरहान को बताया गया शहीद

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  • नक्सली आतंकवादी बुरहान वानी को मानते शहीद हैं
  • पत्रिका प्रभात के एक अंक में कश्मीर में अलगाववादियों के संघर्ष का जायज ठहराया
  • पत्रिका पुलिस को पोर्राहिड़मा मुठभेड़ के बाद ध्वस्त कैंप से बरामद हुई है

दंतेवाड़ा (विसंके) : बस्तर में नासूर बन चुके नक्सलियों का संबंध विदेशी ताकत और आतंकवादियों से होने की बात उठती रही है। लेकिन अब उनके कैंपों से बरामद दस्तावेज भी इसका खुलासा कर रहे हैं कि दोनों के सोच में कोई अंतर नहीं है और एक-दूसरे से कनेक्ट हैं। नक्सली अब कश्मीर के अलगाववादियों की विचार को स्थानीय युवाओं पर थोपना शुरु कर दिया है। उनके संघर्ष को जायज ठहराते उस समस्या का समाधान आजादी बता रहे हैं।

नक्सलियों की पत्रिका प्रभात के एक अंक में कश्मीर में अलगाववादियों के संघर्ष का जायज ठहराया है और आजादी को समाधान बताया जा रहा है। कश्मीर में सेना द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघना करना भी उल्लेख किया है। इतना नहीं, पिछले साले अनंतपुर में मारे गए आतंकवादी बुरहान मुजफ्फर वानी को आंदोलनकारी और शहीद बताया गया है।

पत्रिका में बताया गया कि बुररान मुजफ्फर वानी के मारे जाने के बाद हजारों लोग आंदोलन पर उतर आए थे। जिन्हें कुचलने पुलिस, अर्द्धसैनिक व सैन्य बलों को दो माह के भीतर 120 से बार से ज्यादा बार गोलीबारी करनी पडी। पत्रिका में लिखा है कि कश्मीरी जनता की समस्या का एक मात्र समाधान आजादी है।

इसका उल्लेख पिछले साल जुलाई-सितंबर में जारी नक्सलियों की पत्रिका प्रभात में किया गया है। इसका गोंडी संस्करण भी नक्सलियों ने तैयार किया है। यह पत्रिका पुलिस को पोर्राहिड़मा मुठभेड़ के बाद ध्वस्त कैंप से बरामद हुई है।

बस्तर में करीब चार दशक से अपनी पैठ बना चुके नक्सली अलग दंडकारण्य राज्य की मांग कर रहे हैं। कश्मीर के आतंकवादी भी देश से अलग होने के लिए लगातार हिंसा कर रहे हैं। दिल्ली के जेएनयू में कश्मीर के साथ बस्तर की आजादी की बात उठाई गई थी। इसके अलावा समय-समय पर नक्सलियों का कनेक्शन आतंकवादी और विदेशी ताकतों से होने की बात भी सामने आती रही है।

विदेशों से फंड और हथियार भी मिलने की सूचनाएं पुलिस को मिलती रही है। इस बीच जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के पोर्राहिड़मा पहाड़ी में मुठभेड़ के बाद कैंप से बड़ी मात्रा में सामग्रियां और साहित्य मिली है। इसमें अलगाववादी और नक्सलियों के विचारधारा में भी समानता देखी जा रही है।

पुलिस सूत्रों की माने तो नक्सली इसका गोंडी अनुवाद कर संगठन और ग्रामीणों में बांट कर उनमें जहर घोल रहे हैं। जिस आतंकवादी बुरहान मुजफ्फर वानी को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर किया और उसके कब्जे से घातक हथियार भी बरामद किए थे। उसे नक्सली शहीद बताकर बस्तर के लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। स्थानीय युवाओं को आतंकवाद की गाथा उनकी बोली गोंडी में बताई जा रही है।

                                                                                                                                                                                  -अनिल द्विवेदी 

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