- मॉर्गन स्टैनली के इंडिया हेड-रिद्धम देसाई ने कहा-हमें उम्मीद है कि डिजिटलीकरण GDP की ग्रोथ रेट को 0.5-0.75 फीसदी बढ़ाएगा.
- हमारा पूर्वानुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी
- और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी.
नई दिल्ली (एजेंसीज) : इन दिनों देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर बहस छिड़ी हुई है. विपक्ष तथा पी एम मोदी से नाखुश भाजपा का एक गुट तथा अर्थशास्त्रियों का एक वर्ग भारत की अर्थव्यवस्था को खस्ता हाल बता कर आलोचना कर रहा है तो वही दूसरी और रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि अगले 10 साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा. वहीं, देश में एफडीआई (विदेशी निवेश) बढ़कर 12,000 करोड़ डॉलर यानी 7,80,000 करोड़ रुपए हो जाएगा. इसके अलावा भारत की इकोनॉमिक ग्लोबल रैंक भी बेहतर होकर तीसरी नंबर पर पहुंच जाएगी. यह कहना है दुनिया की बड़ी ब्रोकिंग फर्म और रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली का. एजेंसी ने इन सभी बातों का जिक्र अपनी हालिया रिपोर्ट में किया है.
रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
साल 2027 में भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर (करीब 393 खरब रुपए) होने की उम्मीद है, जो कि दुनिया की तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल लीप-द ट्रिलियन डॉलर ऑपोर्च्युनिटी का हवाला देते हुए देसाई ने कहा कि GST के क्रियान्वयन समेत अन्य छोटी समस्याओं के अलावा, 2018 में आर्थिक गतिविधियों में बदलाव की संभावना है.
देश में बदल जाएंगी 5 चीजें
> भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी
> ग्लोबल रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर
> मार्केट कैप 6.1 लाख करोड़ डॉलर
> सेंसेक्स का स्तर 1,00,000
> एफडीआई करीब 7,80,000 करोड़ रुपए
यह भारत को 6.1 खरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया के पांच शीर्ष इक्विटी बाजार में शामिल करने की दिशा में अग्रसर करेगा. इसी के साथ 2027 तक भारत 1.8 खरब डॉलर की बाजार पूंजी के साथ सूचीबद्ध वित्तीय सेवा क्षेत्र में दुनिया का तीसरी सबसे बड़ा देश होगा. अगले 10 साल में भारत का उपभोक्ता क्षेत्र भी बढ़कर करीब 1.5 खरब डॉलर पहुंच सकता है.
ये कैसे होगा
अर्थव्यवस्था में दोगुना से ज्यादा उछाल आ जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे डिजिटलीकरण का महत्वपूर्ण योगदान होगा. मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, भारत का डिजिटलीकरण अभियान आने वाले दशक में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर को 0.50-0.75 फीसदी (50-75 आधार अंक) बढ़ाएगा.