दिल्ली। ‘‘चैकीदार चोर है’’ वाले बयान पर कांगेस अध्यक्ष राहुल गांधी की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उच्चतम न्यायालय कांग्रेस अध्यक्ष के जवाब से संतुष्ट नहीं है और उन्हें अब नोटिस जारी किया गया है। उनके खिलाफ यह याचिका भाजपा सांसद और वकील मीनाक्षी लेखी ने दायर की है। अदालत ने यह भी कहा कि वह राफेल सौदे पर दायर पुनर्विचार याचिका के साथ इस मामले पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
राहुल के वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि अदालत ने उनसे इस मामले में केवल स्पष्टीकरण मांगा था। जिसपर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायधीश दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह इस दोष को ठीक करेंगे और राहुल गांधी को नोटिस जारी कर दिया।
राहुल गांधी के वकील ने उच्चतम न्यायालय से कहा, मैं ‘चैकीदार चोर है’ बयान पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष खेद व्यक्त करता हूं। न्यायालय ने कहा कि वह बाद में पुनर्विचार एवं अवमानना याचिका को एक साथ सूचीबद्ध कर सकता है।
राफेल मामले पर राहुल की टिप्पणी को लेकर मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को शुरू में ही बिना किसी संकोच के पश्चाताप करना चाहिए था। सांसद ने अदालत में कहा कि कानून की नजर में यह माफी नहीं है।
मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी है जबकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि उन्होंने अदालत के 10 अप्रैल को दिए आदेश को पढ़े बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर गलत बयान दिया था।
राहुल गांधी के लिए पेश हुए वकील सिंघवी ने कहा कि राहुल ने विनम्रता और ईमानदारी के साथ अपनी गलती मानते हुए खेद प्रकट किया था। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि वह अपने ऊपर चल रहे मामले को खारिज कर दें ताकि इससे उनके विरोधियों को चुनावी फायदा न मिल सके। प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने मीनाक्षी लेखी के वकील रोहतगी से कहा कि वह राहुल गांधी के जवाब पर अपना पक्ष रखें।