केवल भारत को बेच रहा है अमेरिका एफ-21 लड़ाकु विमान

0
98


दिल्ली। अमेरिका में विमान बनाने वाली दिग्गज कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा है कि यदि भारतीय वायु सेना से 114 एफ-21 लड़ाकू विमान का करार हुआ, तो वह किसी और देश को यह जेट नहीं बेचेगी। दरअसल इसके जरिए कंपनी का मकसद अपने अमेरिकी, यूरोपीय और रूसी प्रतिस्पर्धियों से आगे रहना है। लेकिन इस लड़ाकू विमान से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना तक बढ़ जाएगी।

एफ-21 लड़ाकू विमान में अडवांस एपीजी-83 एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक्स स्कैन्ड अरेय (एईएसए) रडार है। जो पिछले रडार के मुकाबले अधिक रेंज तक निगरानी कर सकता है।

यह सटीकता के साथ अधिक लक्ष्यों को ट्रैक कर उनपर हमला करने की क्षमता रखता है। इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (एईड्ब्लू) सिस्टम भी शामिल है।

इस लड़ाकू विमान को भारत के 60 से ज्यादा वायु सैनिक अड्डों से उड़ान भरने की क्षमता को देखते हुए डिजाइन किया गया है।

इसमें मुख्य रूप से उत्कृष्ट इंजन मैट्रिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक तंत्र और शस्त्र वाहक क्षमता को शामिल किया गया है। जो जमीनी और हवाई हमले करने में मदद करेगा।

इसमें ऐसे सिस्टम लगे हैं जिससे पायलटों को खतरों का पता लगाने में इआसानी होगी। इसमें लगे त्रिपल लॉन्चर एडैप्टर (टीएलए) से एफ-21, हवा से हवा में वार करने वाले 40 फीसदी अधिक हथियार ले जाने में सक्षम होगा।

लॉकहीड मार्टिन के स्ट्रैटजी एंड बिजनेस डेवलपमेंट के उपाध्यक्ष विवेक लाल का कहना है कि यदि एफ-21 का ठेका मिला, तो भारत को भी कंपनी के 165 अरब डॉलर के वैश्विक लड़ाकू विमान के कारोबार का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम इस सिस्टम और विन्यास को दुनिया में किसी को नहीं देंगे। यह लॉकहीड मार्टिन का महत्वपूर्ण वचन है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भारतीय वायु सेना ने 18 अरब डॉलर के 114 जेट के लिए रिक्वेस्ट फॉर इनफर्मेशन (आरएफआई) या प्रारंभिक निविदा जारी किया था। बताया जाता है कि यह हाल के वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य करार होगा।

LEAVE A REPLY