दिल्ली। भाजपा से बगावत के बाद कांग्रेस का दामन थाम चुके उदित राज ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया है। और तो और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवालिया टिप्पणी कर दी है। बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा कि वीवीपैट से पर्ची मिलान कोर्ट भी नहीं चाहता। उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं चाहता है कि वीवीपैट की सारी पर्चियों को गिना जाए। क्या सुप्रीम कोर्ट भी चुनाव की धांधली में शामिल है। चुनावी प्रक्रिया में जब लगभग तीन महीने से सारे सरकारी काम बंद पड़े हुए हैं, तो वोटों की गिनती में दो-तीन दिन लग ही जाए तो क्या फर्क पड़ता है।
इससे पहले भी उदित राज ने ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट किया था कि भाजपा को जहां-जहां ईवीएम बदलनी थी, बदल ली होगी। इसीलिए तो चुनाव सात चरणों मे कराया गया।
उदित ने की थी आंदोलन की अपील
उन्होंने ट्वीट में लिखा कि आप की कोई नहीं सुनेगा। चिल्लाते रहिए, लिखने से कुछ नहीं होगा, रोड पर आना पड़ेगा। अगर देश को इन अंग्रेजो के गुलामों से बचाना है, तो आन्दोलन करना पड़ेगा साहब, चुनाव आयोग बिक चुका है।
केरल में भाजपा के प्रदर्शन पर किया था हमला
उत्तर पश्चिम दिल्ली से दोबारा टिकट न मिलने पर नाराज हुए उदित राज ने भाजपा पर लगातार हमला बोल रहे हैं। 2014 में इसी सीट से उदित राज ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था। वह अब कांग्रेस का हिस्सा हैं और अपनी पुरानी पार्टी पर वार करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर उदित राज ने ट्वीट किया था, केरल में भाजपा आज तक एक भी सीट नही जीत पाई, जानते हैं क्यों ? क्योंकि वहां के लोग शिक्षित हैं, अंधभक्त नहीं।
मालूम हो कि उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा ने गायक हंस राज हंस को उम्मीदवार बनाया। हालांकि, इससे पहले ही उदित राज ने बगावती तेवर दिखाते हुए पार्टी को काफी भला बुरा कहा था। उन्होंने उस वक्त लिखा था कि मेरे टिकट में देरी होने पर पूरे देश में मेरे दलित समर्थकों में रोष है और जब मेरी बात पार्टी नहीं सुन रही तो आम दलित कैसे इंसाफ पायेगा। अगर मुझे लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में नहीं उतारा गया तो पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा। और अंतत; यही हुआ।