मोदी कैबिनेट में अध्यक्ष अमित शाह को भी मिली जगह

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दिल्ली। संवाददाता। इस तरह एनडीए को कुल मिलाकर 73 सीटें मिलीं। 2014 में भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत दिलाने के बाद भी अमित शाह रुके नहीं, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी को 2019 में 2014 से भी बड़ी जीत दिलाने का करिश्मा कर दिखाया है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की कामयाबी के पीछे शाह की रणनीति को महत्वपूर्ण माना गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने पूरे देश में करीब 500 चुनाव समितियों का गठन किया और करीब 7000 नेताओं को तैनात किया। उन्होंने पार्टी के चुनाव अभियान में ऐसी 120 सीटों पर खास ध्यान दिया, जहां बीजेपी 2014 के चुनाव में दूसरे स्थान पर थी।

शाह को आखिर मोदी क्यों बनाना चाहते हैं मंत्री?
अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में 93 हजार किलोमीटर और अध्यक्ष बनने के बाद अगस्त 2014 से सितंबर 2018 तक देशभर में सात लाख 90 हजार किलोमीटर की यात्रा की है। उन्होंने भाजपा को देश भर में मजबूत बनाने में अहम भूमिका अदा की है। राजनीति पर नजर रखने वालों और पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि वाजपेयी और आडवाणी की ही तरह उन्होंने नरेंद्र मोदी को राजनीति के राष्ट्रीय फलक पर लाने में मदद की।

वास्तव में मोदी और शाह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वो दशकों से एक साथ रहे हैं। वो एक जैसा सोचते हैं। वो एक परफेक्ट टीम की तरह काम करते हैं। वे जीवन और राजनीति के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण रखते हुए दिख सकते हैं, लेकिन वे दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। 2014 और 2019 की जीत का श्रेय मोदी ने उन्हें ही दिया है।

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