दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश में अधिकार की लड़ाई के मामले में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को नोटिस जारी किया है। मंगलवार को अदालत में उप-राज्यपाल किरण बेदी की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि कैबिनेट बैठक में लिए गए वित्तीय परिणामों को लागू न किया जाए।
बेदी की याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने सरकार को सात जून को होने वाली कैबिनेट बैठक के वित्तीय परिणामों को लागू करने से मना कर दिया है। अदालत ने पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें मामले में पक्षकार बनाया है। न्यायालय ने उनसे 21 जून तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसी तारीख को मामले की अगली सुनवाई होगी।
किरण बेदी ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी शक्तियों को कम कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय की अवकाश पीठ में न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और एमआर शाह ने बेदी और गृह मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यथास्थिति जारी रखने की गुहार लगाई है।
उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच शक्ति को लेकर 2016 से ही लड़ाई चल रही है। नारायणसामी का आरोप है कि बेदी सरकार के कामकाज में दखल दे रही हैं और राज्य के विकास में रोड़ा अटकाते हुए बहुत से प्रस्ताव को पास नहीं कर रही हैं।
धरने पर बैठे थे मुख्यमंत्री
फरवरी के महीने में पुडुचेरी के मुखियमंत्री वी नारायणसामी उपराज्यापल के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने बेदी पर राज्य के कार्यों में गतिरोध पैदा करने का आरोप लगाया था। नारायणसामी के अनुसार, उनकी योजनाओं और प्रशासनिक आदेशों को बेदी से मंजूरी नहीं मिलने के विरोध में वह धरने पर बैठे थे। उन्होंने सात फरवरी को बेदी को पत्र लिखकर अपनी मांगों एवं मुद्दों का जिक्र किया था। इस दौरान नारायणसामी कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के साथ राजभवन के बाहर सो गए थे।