दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को बैलेट पेपर (मतपत्र) से दोबारा लोकसभा चुनाव कराने के निर्देश देने की याचिका दाखिल की गई। जिसपर अदालत ने तुरंत सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। यह याचिका मनोहर शर्मा ने दायर की थी। वकील शर्मा ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव रद्द करके अदालत से बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने के निर्देश देने को कहा था।
उन्होंने गुरुवार को कहा था कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स (आरपी) एक्ट के तहत चुनाव केवल बैलेट पेपर से ही हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने मांग की है कि इन चुनाव परिणामों को खारिज किया जाए और बैलेट पेपर के जरिए नए चुनाव कराए जाएं। शर्मा ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 हाल ही में संपन्न हुए हैं। जिसमें भारतीय जनता पार्टी 300 से भी अधिक सीटें जीतकर एक बार फिर सत्ता में आई है। वहीं कांग्रेस पार्टी महज 52 सीट पर आकर सिमट गई। विपक्षी पार्टियां कई चुनावों में हार के बाद ईवीएम पर सवाल खड़े करती रही हैं।
हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि हम मशीन नहीं चाहते, हमारी मांग है कि कागज के बैलेट पेपर वाले युग की वापसी हो। हम एक आंदोलन प्रारंभ करेंगे और यह बंगाल से शुरू होगा।
बनर्जी ने कहा था कि मैं सभी विपक्षी 23 राजनीतिक दलों से कहूंगी कि वे साथ आएं और बैलेट पेपर की वापसी की मांग करें। अमेरिका जैसे देश में भी ईवीएम पर प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र बचाओ, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, बैलेट पर लौटो। ईवीएम पर एक तथ्य खोज समिति बननी चाहिए।