दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अमित शाह का ऑपरेशन क्लीन शुरू हो गया है। सबसे पहले निचले स्तर के बाबुओं का कामकाज देखा जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय की यूएस विजिलेंस यानी अंडर सेक्रेटरी विजिलेंस ने ‘के’ फार्मूला तैयार किया है। ‘के’ यानी ‘कामकाज, करेक्टर, करप्शन’ के आधार पर यह तय होगा कि कर्मचारी अब गृह मंत्रालय में रहेंगे या बाहर जाएंगे।
खास बात है कि अगर कोई कर्मचारी ‘के’ फार्मूले में शामिल तीनों बातों में से यदि किसी एक में भी यूएस विजिलेंस की रडार पर आता है तो उसे मंत्रालय छोड़ना होगा।
बता दें कि गृह मंत्रालय में अनेकों ऐसे विभाग हैं, जहां पर लंबे समय से कर्मचारी एक ही सीट पर जमे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि ये अपने कामकाज और वरिष्ठता के बल पर मंत्रालय में टिके हैं। इनका जुगाड़ है, मतलब किसी न किसी बड़े अधिकारी से संपर्क इन्हें यहां पर पोस्टिंग दिलाए हुए है।
कई ऐसे बाबू हैं जो दिनभर में तीन-चार फाइलों का कामकाज भी ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं, लेकिन ये हर समय गृह मंत्रालय के गलियारे में घूमते नजर आ जाएंगे। दूसरी ब्रांच के बाबुओं के साथ इनकी उपस्थिति ज्यादा देखी जा सकती है। अमित शाह द्वारा गृह मंत्रालय की कमान संभालने के दो दिन बाद जब इन कर्मियों को ऑपरेशन क्लीन शुरू होने की भनक लगी तो इनका पसीना छूटने लगा। यूएस विजिलेंस हर कर्मचारी की बारीकी से रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
गृह मंत्रालय में पोस्टिंग से पहले अगर कोई बाबू ‘के’ में फंसा है तो वह भी देखा जाएगा
मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि ‘के’ का फार्मूला केवल यहां की पोस्टिंग जांचने के लिए नहीं है, बल्कि इसमें कर्मियों का पिछला रिकार्ड भी देखा जाएगा। यदि कोई कर्मचारी गृह मंत्रालय में आने से पहले किसी दूसरी जगह पर ‘के’ में फंसा है तो भी उसे यहां से बाहर जाना होगा। इस बार करेक्टर यानी चरित्र को खास तव्वजो दी जा रही है।
मंत्रालय में महिला कर्मियों की ओर घूरकर देखना और यौन उत्पीड़न के मामले, अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ ऐसे आरोप हैं तो उनकी नए सिरे से जांच होगी। ऐसे मामलों की जांच के लिए अलग से एक कमेटी बनाई गई है। इसी तरह भ्रष्टाचार पर भी कड़े प्रहार की तैयारी की जा रही है।
लालच में फाइलें इधर-उधर करने या उनका फोटो खींचकर कहीं भेजने वाले अब नपने के लिए तैयार रहें
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय की कई ब्रांचों में ऐसे कर्मचारी भी हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे फाइलों को इधर-उधर करने के मास्टर हैं। कुछ कर्मचारी फाइलों का फोटो खींचकर उसे व्हाट्सप्प पर भेज देते हैं। यूएस विजिलेंस ऐसे कर्मियों का भी पता लगा रही है। इसके लिए मंत्रालय के सीसीटीवी भी खंगाले जाएंगे। कौन-कौन से बाबू दफ्तर में न बैठकर, गलियारे में घूमते रहते हैं, उनका भी अलग से रिकॉर्ड तैयार होगा।
तीसरे नंबर पर कर्मचारियों का कामकाज देखा जाएगा। एसीआर रिपोर्ट के अलावा जो कर्मचारी जिस ब्रांच में तैनात है, उसके हेड से भी एक अलग रिपोर्ट मांगी जा रही है। अगर किसी कर्मचारी की रिपोर्ट थोड़ी सी भी नकारात्मक है तो समझो वह कर्मी मंत्रालस से बाहर जाएगा।