दिल्ली। सरकार को देश की विविधता का सम्मान करने की नसीहत देते हुए राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष ने देश की विकास यात्रा 2014 से शुरू होने का दावा करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि देश की प्रगति की नींव तो आजादी के तुरंत बाद ही रख दी गई थी। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि देश में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कभी चुनाव में सेना के पराक्रम का लाभ नहीं लिया।
उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने सरकार पर यह आरोप लगाए। इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सत्ता पक्ष ने कहा कि अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहीं ज्यादा लोकतांत्रिक हैं और वर्तमान सरकार के शासनकाल में अल्पसंख्यक जितने सुरक्षित हैं, उतने पहले कभी नहीं थे।
कांग्रेस उप नेता आनंद शर्मा ने दावा किया कि अब तक किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री ने यह दावा नहीं किया कि वह स्वयं युद्ध लड़ने गए थे या उन्होंने चुनाव में युद्ध का फायदा उठाया। चाहे वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में लड़ा गया 1971 का भारत पाक युद्ध हो या फिर अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में लड़ा गया करगिल युद्ध हो।
उन्होंने कहा कि चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन विपक्ष जहां कहीं भी सरकार की गलती देखेगा, वह उसके बारे में अवश्य बोलेगा और इसको लेकर किसी को कोई ‘गलतफहमी’ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह पूरे विपक्ष की ओर से यह कहना चाहते हैं कि देश की सुरक्षा और अखंडता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कांग्रेस इस बात को इसलिए भी अच्छी तरह जानती है क्योंकि पार्टी ने देश की सुरक्षा के लिए कई बलिदान दिए हैं।
शर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में 2014 से देश के विकास का सफर शुरू होने की बात के उल्लेख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि देश के विकास की राह तो आजादी प्राप्त होने के तुरंत बाद ही शुरू हो गई थी और तब ही इसकी नींव रखी गई थी। उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश द्वारा उपलब्ध की गयी सफलताओं का भी उल्लेख किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा ‘कृपया राष्ट्रपति को ऐसा भाषण न लिख कर दें कि 15 अगस्त 1947 को कुछ भी नहीं हुआ और जो कुछ हुआ वह 26 मई 2014 को ही हुआ।’ उन्होंने भारत में बहु धर्म बहु संस्कृति बहु नस्ल होने की ओर ध्यान दिलाते हुए सरकार से कहा कि वह देश की विविधता का सम्मान करना सीखे।
मोदी सरकार के शासनकाल में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित ; जे अल्फोन्स
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता के जे अल्फोन्स ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि आजादी के करीब 70 साल बीत गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के शासनकाल में अल्पसंख्यक जितने सुरक्षित हैं, उतने पहले कभी नहीं थे। राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोल रहे अल्फोन्स ने दावा किया कि अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहीं ज्यादा ‘लोकतांत्रिक’ हैं।
उन्होंने कहा ‘पांच साल पहले कहा जाता था कि भाजपा सत्ता में आई तो ईसाइयों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके चर्च जला दिए जाएंगे। आज (भाजपा के सत्ता में आने के बाद) क्या आपने किसी ईसाई को पिटते हुए देखा या किसी चर्च को जलाया गया। अल्पसंख्यक पहले कभी इतने सुरक्षित नहीं थे जितने सुरक्षित वे मोदी सरकार के समय में हैं।’
उनका संकेत कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा देश के कुछ हिस्सों में भीड़ के पीटे जाने की वजह से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की जान जाने की कथित घटनाओं का संदर्भ दिए जाने को लेकर था। भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में अल्फोंस पर्यटन मंत्री थे। उन्होंने कहा ‘विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बहस के दौरान कहा कि हमें नया भारत (न्यू इंडिया) नहीं चाहिए। मेरा सवाल है कि हमें क्यों नया भारत नहीं चाहिए। आज पूरे विश्व में भारत अपना एक खास एवं गौरवपूर्ण स्थान रखता है।’
अल्फोंस ने कहा कि हमें भारत की उपलब्धियों का जश्न जरूर मनाना चाहिए क्योंकि आज देश की 99.2 फीसदी आबादी के पास शौचालय की सुविधा है, 35 करोड़ लोगों के पास बैंक खाते हैं, 7.5 करोड़ लोगों को गैस के कनेक्शन मिल चुके हैं, 19 करोड़ लोगों को मुद्रा रिण योजना के तहत रिण मिला है और ‘कारोबार करने की सुगमता’ की वजह से कारोबार रैंकिग में भारत की स्थिति बेहतर हो गई।
बसपा का बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला
चर्चा में हिस्सा लेते हुए बसपा के वीर सिंह ने बेरोजगारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 45 साल में बेरोजगारी की दर आज सर्वाधिक है और इसका कारण सरकार की गलत नीतियां तथा गलत फैसले हैं। उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के नोटबंदी करना, जीएसटी लागू करना आदि इसके उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा ‘साल 2011-12 में बेरोजगारी की दर 2.1 फीसदी थी जो 2017-18 में 6.1 फीसदी हो गई। इसका मतलब है कि देश में 19 करोड़ युवक बेरोजगार हैं। यह अत्यंत भयावह स्थिति है।’ वीर सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार काम को निजी क्षेत्र को आउटसोर्स कर रही है और इस तरह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को एक तरह से कमजोर किया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र का जिक्र करते हुए बसपा नेता ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है और निजी संस्थान अहम होते जा रहे हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के कई बच्चे सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं जहां अंग्रेजी की पढ़ाई छठी कक्षा से शुरू होती है। ये बच्चे निजी स्कूलों के बच्चों की बराबरी नहीं कर पाते जहां उन्हें शुरू से ही अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।