दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला किया। अमित शाह ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर का फैसला किया। भारत ने एक तिहाई कश्मीर कांग्रेस के कारण गंवाया। कांग्रेस की गलतियों से हजारों लोग मारे गए। पिछली सरकारों ने राष्ट्रविरोधी तत्वों का बचाव किया। अब ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि किसने कश्मीर में सीजफायर का फैसला लिया? ये जवाहर लाल नेहरू ने किया और कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया। आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में नहीं लेते हैं, लेकिन नेहरू जी ने उस समय के गृह मंत्री को भरोसे में लिए बिना ये फैसला लिया। इसलिए मनीष जी (मनीष तिवारी) हमें इतिहास मत समझाइए।
अमित शाह के इस बयान पर संसद में हंगामा मच गया। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चैधरी, मनीष तिवारी सहित कई कांग्रेस सांसदों ने इस बयान का विरोध किया जिससे सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। स्पीकर को दखल देकर मामला शांत कराना पड़ा।
इससे पहले अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है औक मैं विश्वस्त हूं कि हम अपने नागरिकों के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
शाह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा, श्वे कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। इस समय से पहले, अब तक यहां 132 बार अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लगाया गया है, इनमें से 93 बार यह कांग्रेस ने किया है। अब ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे?श्
गृह मंत्री ने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया था? आप किसे खुश करना चाहते थे? वो भाजपा सरकार थी जिसने जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित किया। जेकेएलएफ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध किसने लगाया? ये काम भी भाजपा ने किया था।’