दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भूजल के अवैध दोहन की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को दी गई अपनी रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति (ईसी) की राशि की सीमा को 10 हजार से एक लाख रुपये तक निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पानी लोगों की मूलभूत जरूरतों में से एक है, इसलिए घरेलू उपयोग के लिए निष्काषित किए जाने वाले भू-जल पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की राशि कम रखी जानी चाहिए। वहीं संस्थागत, वाणिज्यिक और औद्योगिक कामों के लिए इसका जुर्माना बढ़ाया जाने चाहिए।
बोर्ड द्वारा दिए गए सुझावों में घरेलू कामों के लिए किए जाने वाले अवैध पानी दोहन की ईसी राशि 10 हजार, जबकि संस्थागत या वाणिज्यिक कामों के लिए प्रयोग किए जाने पर ईसी राशि 50 हजार होनी चाहिए। इसके साथ ही औद्योगिक कामों के लिए किए जाने वाले अवैध दोहन पर कम से कम एक लाख रुपए ईसी वसूलने की बात कही गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पैनल ने सुझाव दिया कि भू-जल दोहन को लेकर बनाए गए नियमों का बार बार उल्लंघन करने पर डेढ़ गुना ज्यादा पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि भी वसूली जाए। बोर्ड द्वारा दिए गए सुझावों की समीक्षा करने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 19 जुलाई को अगली सुनवाई के दिन इसके संभव क्रियान्वयन पर अपना फैसला सुनाएगी।