लखनऊ। मोदी-2 सरकार के पहले आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपी को 2.19 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी है। इसमें 1.45 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी है, जबकि 74 हजार करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता व अनुदान के रूप में मिलेंगे। वित्त वर्ष के अंत तक केंद्र से राज्य को प्राप्त होने वाला आवंटन सवा दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
शीर्ष अफसरों के अनुसार यूपी देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की तादाद अभी भी काफी है। ऐसे में केंद्र की लोक कल्याणकारी योजनाओं का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के लोगों को मिलने वाला है।
पीएम सम्मान निधि का सर्वाधिक लाभ प्रदेश के किसानों को
केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 75 हजार करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है। इसमें किसानों को एक वर्ष में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त देने का प्रस्ताव है। यूपी में योजना के लाभार्थियों की तादाद 2 करोड़ पार करने की संभावना है। लिहाजा सर्वाधिक लाभ प्रदेश को मिलने वाला है।
गरीबों को पीएम आवास, स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण, गरीब महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन देने में भी यूपी आगे रहा है। इस बजट में भी इन योजनाओं पर फोकस है। इस बार सरकार ने श्रमिकों के लिए पीएम श्रमयोगी व कर्मयोगी मानधन योजना शुरू की है। इनके भी सर्वाधिक लाभार्थी यूपी से होंगे।
22 हजार करोड़ से ज्यादा की सौगात
केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सेदारी के लिए 1,36,749 करोड़, वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार अनुदान 19,059 करोड़ और केंद्रीय सहायता वाली योजनाओं के लिए 49,820 करोड़ रुपये तय किया था। यानी 2,05630 करोड़ रुपये। इस हिसाब से इस बजट में यूपी को 14 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की सौगात मिलने का अनुमान है।