कर्नाटक के संकट के लिए सिद्धारमैया ने भाजपा पर लगाए आरोप, बोले-पैसा, पद, मंत्रीपद का ऑफर दे रहे हैं

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया
दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक में जारी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने भाजपा पर सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।

सिद्धारमैया ने कहा है, ‘सरकारों को अस्थिर करने की भाजपा की आदत हो गई है। ये अलोकतांत्रिक है, लोगों ने भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया है। लोगों ने हमें अधिक वोट दिए हैं। कांग्रेस और जेडीएस दोनों को एकसाथ 57 फीसीदी से अधिक वोट मिले हैं।’

उन्होंने कहा कि इस समय सब में केवल राज्य की भाजपा सरकार ही नहीं बल्कि अमित शाह और मिस्टर मोदी जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हैं। उनके निर्देश पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए गए हैं। ये लोकतंत्र और लोगों के जनादेश के खिलाफ है। वो पैसा, पद, मंत्रीपद का ऑफर दे रहे हैं।

सिद्धारमैया ने आगे कहा, कर्नाटक कांग्रेस पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण सदस्यों की अयोग्यता की मांग कर रही है। उनकी भाजपा के साथ मिलीभगत है। मैं उनसे (विधायकों से) अनुरोध करता हूं कि वापस आएं और अपना इस्तीफा वापस लें। हमने उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर के समक्ष याचिका दायर करने का फैसला लिया है। साथ ही उनसे अनुरोध करते हैं कि वह इस्तीफे स्वीकार ना करें।

उन्होंने कहा, हम स्पीकर से ये भी अनुरोध करते हैं कि एंटी डिफेंस लॉ के तहत कानूनी कार्रवाई करें। हम अपने पत्र में उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे ना केवल उन्हें अयोग्य घोषित करें बल्कि उन्हें 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से भी रोकें।

राजनाथ ने कांग्रेस के घर की समस्या बताया

वहीं संसद में भी मंगलवार को कर्नाटक संकट का मुद्दा गूंजा। कांग्रेस और डीएमके ने आसन के समीप आकर नारेबाजी की और सदन से वाकआउट भी किया ।

निचले सदन में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चैधरी ने कहा कि कर्नाटक का क्या हाल है, यह सभी के सामने स्पष्ट है। केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से ‘शिकार की राजनीति’ की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘आज कर्नाटक में ऐसा हो रहा है, कल मध्यप्रदेश में ऐसा हो सकता है… यह ठीक नहीं है। पैसा और बाहुबल का इस्तेमाल किया जा रहा है।’

इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे ही जवाब देने के लिये उठे, वैसे ही कांग्रेस और डीएमके ने सदन से वाकआउट किया। राजनाथ ने कहा कि कर्नाटक की समस्या उनके अपने घर की समस्या है जिसे वे ठीक नहीं कर पा रहे हैं। और वे सदन को बाधित कर रहे हैं। इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

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