सुप्रीम कोर्ट पहुंची कर्नाटक की सियासत, विधायकों के साथ धरने पर बैठे येदियुरप्पा

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खास बातें

-सीएम कुमारस्वामी के इस्तीफे पर अड़ी भाजपा, विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे येदियुरप्पा।

-विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, 9 विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं।

-कर्नाटक में गहराते संकट के बीच गुलाम नबी आजाद और हरिप्रसाद बंगलूरू पहुंचे।

-224 सदस्यीय विधानसभा में दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

-कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास विधायकों की संख्या घटकर 102 रह जाएगी।

कर्नाटक विधानसभा के बाहर आज धरना देंगे भाजपा विधायक

मुंबई। कर्नाटक में विधायकों के लगातार हो रहे इस्तीफों के बाद भाजपा मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर हमलावर है। भाजपा उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ गई है। पार्टी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मामले में तत्काल दखल देने की मांग की है। गौरतलब है कि अब तक कांग्रेस और जदएस के 14 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।

राज्य में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर आगे की रणनीति बना रहे हैं। येदियुरप्पा ने मंगलवार को कहा कि हमारे विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से विस्तृत चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि बुधवार सुबह 11 बजे विधानसभा के बाहर सभी विधायक धरना देंगे।

इस बीच, कर्नाटक भाजपा के महासचिव अरविंद लिंबावली ने कहा कि बुधवार दोपहर एक बजे भाजपा का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा। हम उनसे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं। राज्यपाल और स्पीकर के मिलने के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे।

कर्नाटक में चल रहा राजनैतिक ड्रामा अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के आर रमेश कुमार ने 13 बागी विधायकों में से आठ विधायकों का इस्तीफा कानूनन सही नहीं पाए जाने पर ठुकरा दिया। जिसके बाद कर्नाटक की कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार से बगावत कर चुके 10 विधायक मंगलवार शाम वापस मुंबई लौट आए।

बुधवार सुबह उन्हें मनाने के लिए डीके शिवकुमार मुंबई पहुंचे। वह थोड़ी देर में वह बागी विधायकों से मिलने मुंबई के रेनिसन्स होटल पहुचेंगे। हालांकि इस बीच मुंबई पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार को उस होटल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा जहां कांग्रेस-जद (एस) के 10 बागी विधायक रह रहे हैं। हालांकि उन्हें होटल के द्वार से पहले नहीं रोका जाएगा।

वहीं मुंबई पुलिस ने कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार को रेनिसन्स मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल से दूर कर दिया है। क्योंकि बागी विधायकों ने पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार से खतरा है।

रेनिसन्स मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल पहुंचे डीके शिवकुमार
डीके शिवकुमार ने रेनिसन्स मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने यहां एक कमरा बुक किया है। मेरे दोस्त यहां रह रहे हैं। यह एक छोटी सी समस्या है जिसके लिए हमें बातचीत करनी है। हम तुरंत अलगाव नहीं कर सकते हैं। उन्हें धमकी देने का कोई सवाल नहीं है, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।

रेनिसन्स होटल के बाहर डटे कर्नाटक सरकार के संकटमोचक
मुंबई पुलिस द्वारा बागी विधायकों से मिलने से रोके जाने के बाद कर्नाटक सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार रेनिसन्स मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल के बाहर अपने समर्थकों के साथ डटे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। कोई दोस्त और कोई दुश्मन नहीं हैं। कोई भी, किसी भी समय बदल सकता है। मैं विद्रोही विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। उनका दिल अपने दोस्त से मिलने के लिए धड़क रहा है।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने भी पूर्व डेप्युटी सीएम आर अशोक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया को मुंबई भेजा है। भाजपा के ये दोनों नेता इन बागी विधायकों को लेकर बेंगलुरु आ रहे हैं। इस बीच रेनिसन्स मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल में हुई डीके शिवकुमार के कमरे की बुकिंग को भी होटल प्रशासन ने रद्द कर दिया है।

विधायकों की सुरक्षा में भारी पुलिस बल तैनात
विधायकों की अपील पर होटेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जिस होटल में ये बागी विधायक ठहरे हुए हैं, वहां पर महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल और दंगा निरोधक पुलिस तैनात की गई है।

कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापठक पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। बागी विधायकों की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। विधानसभा से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर अपने संवैधानिक कर्तव्य को छोड़ने और जानबूझकर उनके इस्तीफे की स्वीकृति में देरी का आरोप लगाया है। इधर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा विधानसभा के सामने विधायकों के साथ धरने पर बैठे हैं।

बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने नौ विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। जिसका कारण उनका इस्तीफा कानूनन सही नहीं पाया जाना बताया गया है।

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