संसद; कर्नाटक मसले पर संसद परिसर में राहुल-सोनिया का प्रदर्शन, लोकतंत्र बचाओ के नारे लगाए

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दिल्ली। कर्नाटक और गोवा में जारी सियासी उठापटक को लेकर गुरुवार को कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में धरना दिया। इस विरोध प्रदर्शन में यूपीए अध्यक्ष राहुल गांधी और सांसद राहुल गांधी शामिल हुए। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी धरने में हिस्सा लिया। परिसर में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त करके कर्नाटक सरकार को गिराना चाहती है।

भूजल की पर्याप्त मात्रा
जलशक्ति मंत्री जीएस शेखावत ने कहा, ‘देश में 6881 ब्लॉक हैं जिनका आंकलन भूजल स्तर 4 गुनाध्वर्ष के लिए किया गया है। इन 6881 ब्लॉक में से 4310 सुरक्षित जोन में हैं जिनमें भूजल की पर्याप्त मात्रा है। जिसके आधार पर श्हर घर जलश् जैसी योजनाओं को पूरा किया जा सकता है।’

लोकतंत्र को रोजाना लग रहा झटका
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम मे कहा, ‘काश मैं खुशहाल परिस्थितियों में बोल रहा होता। मैं केवल इसलिए दुखी नहीं हूं कि भारत कल मैच में हार गई बल्कि इसलिए दुखी हूं क्योंकि लोकतंत्र को हर दिन एक झटका लग रहा है।’ हमने कर्नाटक, गोवा में जो देखा वह राजनीतिक उत्थान प्रतीत हो सकता है लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। विदेशी निवेशक, रेटिंग एजेंसियां, अंतरराष्ट्रीय संगठन भारतीय मीडिया का अनुसरण नहीं करते हैं। राजनीतिक अस्थिरता पर वे जो सुनते और पढ़ते हैं उसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा।

सरकार ने किसानों को कम और कारोबारियों को दिया ज्यादा पैसा
लोकसभा में राहुल गांधी ने किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। बजट में सरकार ने किसानों की बजाए अमीरों को तरजीह दी है। किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। मेरे संसदीय क्षेत्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यहां आठ हजार किसानों को बैंक का कर्ज न चुकाने पर नोटिस भेजा गया और केरल में 18 किसानों ने आत्महत्या की क्योंकि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाए। पिछले पांच साल में सरकार ने किसानों को कम और कारोबारियों को ज्यादा पैसा दिया। सरकार के लिए किसान अमीरों से ज्यादा जरूरी क्यों नहीं हैं। आरबीआई को निर्देश दें कि किसानों को धमकाना बंद किया जाए। देश के किसानों की हालत बहुत खराब है। सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए।

किसानों की दयनीय स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार

राहुल के सवाल का जवाब देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कारण आज किसान दयनीय स्थिति में हैं। जिन लोगों ने लंबे समय तक देश में सरकार चलाई है वह इसके लिए जिम्मेदार हैं। मोदी सरकार के गठन के बाद किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी सरकार ने जितना न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है उतना किसी सरकार ने नहीं बढ़ाया। हमने सभा किसानों को छह हजार रुपये देने की योजना लागू की है और इससे आय में वृद्धि भी हुई है। इससे पहले की सरकारों में ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की।

सरकार ने क्यों नहीं उठाए बोल्ड कदम
राज्यसभा में पी चिंदबरम ने बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बेरोजगारी की गंभीरता को केवल एक उदाहरण द्वारा देखा जा सकता है- 62,907 खलासी के पद के लिए 82 लाख लोगों ने आवेदन किया। जिसमें से 4,19,137 बीटेक ग्रेजुएट और 40,751 इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर थे। यह वह अर्थव्यवस्था है जो आपको विरासत में मिली है। मैं इसके लिए आपको दोषी नहीं ठहराउंगा। लेकिन वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए, आपको बोल्ड होना चाहिए। सरकार के पास शानदार जनादेश है। उसके 303 सदस्य लोकसभा में हैं। डॉ. मनमोहन सिंह और मैं बात करते हुए कह रहे थे कि हमें कभी इस तरह का जनादेश मिले। अपने साथियों को मिलाकर आपके पास 352 से ज्यादा का जनादेश है। आपने साहसिक कदम क्यों नहीं उठाए।

हमारे रेल मंत्री बड़े दिलवाले
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चैधरी ने लोकसभा में कहा, ‘हमारे रेल मंत्री बड़े दिलवाले हैं। कह रहे हैं कि हम 50 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगे। आज के रेल की स्थिति है कि रात में सोने की चटाई नहीं है और तंबू की फरमाइश हो रही है।’

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