भागवान की शरण में पहुंचे कुमारस्वामी, येदियुरप्पा बोले नहीं चलेगी सरकार

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दिल्ली। कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भगवान की शरण में पहुंचे। उन्होंने बुधवार सुबह शंकरपुरम स्थित श्री श्रींगेरी मठ पहुंचकर पूजा की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें झटका देने वाला आया है। फैसला आने के बाद से विपक्ष भी उन्हें इस्तीफा देने के लिए कह रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 बागी विधायकों की याचिका पर कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लें। लेकिन अध्यक्ष पर किसी समयसीमा में फैसला लेने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों को भी विधानसभा में मौजूद होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा का इस फैसले पर कहना है, निश्चित रूप से सरकार नहीं चलेगी क्योंकि उनके पांस नंबर नहीं हैं। वहीं विधानसभा स्पीकर का इस मामले पर कहना है कि, मैं फैसला सुनाऊंगा जो संविधान, कोर्ट और लोकपाल के विपरीत नहीं होगा।

येदियुरप्पा ने आगे कहा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अपना जनादेश खो दिया है, जब बहुमत नहीं है तो उन्हें कल इस्तीफा देना होगा। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं, ये संविधान और लोकतंत्र की जीत है। ये बागी विधायकों की नैतिक जीत है। ये केवल एक अंतरिम आदेश है। सुप्रीम कोर्ट भविष्य में स्पीकर की शक्तियां तय करेगा।

भाजपा नेता जगदीश शेट्टर का कहना है, एचडी कुमारस्वामी के कारण राज्य में अराजकता है। उन्हें इस फैसले के बाद तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए और विश्वास मत के लिए इंतजार करना चाहिए।

बागी विधायकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, कल होने वाले विश्वास मत को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो जरूरी बातें कही हैं- 15 विधायकों को कल विधानसभा में पेश होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। सभी 15 विधायकों को कल सदन जाने या ना जाने की छूट दी गई है।

रोहतगी ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके खिलाफ (बागी विधायक) तीन लाइन का जारी हुआ व्हिप ऑपरेटिव नहीं है। दूसरी बात, अध्यक्ष को इस्तीफे के बारे में फैसला करने का समय दिया गया है कि वह कब और क्या फैसला करना चाहते हैं।

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