दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस द्वारा चरमपंथ प्रभावित राज्य में कथित न्यायेतर हत्याओं के मामले की सुनवाई के लिए पीठ के पुनर्गठन पर बृहस्पतिवार को सहमति दी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पीठ के पुनर्गठन का प्रयास किया जायेगा क्योंकि इस मामले की पहले सुनवाई करने वाली पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति एम बी लोकुर पिछले दिसंबर में सेवानिवृत्त हो गए हैं।
कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने कहा कि न्यायमूर्ति लोकुर की सेवानिवृत्ति के बाद से मामले में सुनवाई नहीं हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने उन्होंने न्यायमूर्ति लोकूर के साथ मामले की सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति यू यू ललित के समक्ष इसका उल्लेख किया था लेकिन उन्होंने कहा कि इसे प्रधान न्यायाधीश की पीठ के समक्ष उठायें।
प्रधान न्यायाधीश नीत पीठ ने कहा, हम पीठ के पुनर्गठन की कोशिश करेंगे। शीर्ष अदालत ने इससे पहले मणिपुर में सुरक्षा बलों एवं पुलिस द्वारा 2000 से 2012 के बीच हुई 1,528 कथित न्यायेतर हत्याओं में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।