दिल्ली। केंद्र और असम सरकार ने उच्चतम न्यायालय से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) को अंतिम रूप देने के लिए तय की गई 31 जुलाई की समयसीमा को बढ़ाने का निवेदन किया है। यह निवेदन केंद्र और राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल और न्यायालय के वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने किया है।
केंद्र और राज्य सरकार का कहना है कि बांग्लादेश की सीमा से लगते इलाकों में गलत तरीके से लोगों को इसमें शामिल किया गया है। केंद्र ने न्यायालय को बताया कि भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता है।
मेहता ने कहा, ‘असम में स्थानीय एनआरसी अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत के कारण लाखों अवैध प्रवासियों को एनआरसी सूची में शामिल किया गया है। अवैध प्रवासियों के साथ गंभीर रूप से निपटा जाना चाहिए। भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता है।’ मामले की अगली सुनवाई अब 23 जुलाई होगी।