- ए डी टी बी ने कहा – काले धन के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार की ‘बेहद’ बड़ी कामयाबी
- इन कंपनियों द्वारा किए जा रहे काले धन के गोरखधंधे का यह सिर्फ शुरुआती खुलासा है
- और बहुत कुछ, और इससे कहीं बड़े कारनामों की पोल खुलने वाली है.
- केंद्र सरकार को यह जानकारी देश के 13 बैंकों से हासिल हुई है
नई दिल्ली (एजेंसीज) : शेल कम्पनियों और काले धन के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार के हाथ अहम जानकारी लगी है. इसके मुताबिक 5800 कंपनियों के जीरो बैलेंस वाले अकाउंट में नोटबंदी के बाद अचानक 4574 करोड़ रुपये जमा हुए. उसके बाद इन खातों से 4552 करोड़ रुपये निकाले भी गए.
13 बैंकों ने दी जानकारी
केंद्र सरकार को यह जानकारी देश के 13 बैंकों से हासिल हुई है. इसके तहत सरकार को 2,09,032 संदिग्ध कंपनियों के बारे में कुछ अहम जानकारी मिली है. बैंकों ने सरकार को इन कंपनियों के बैंक खाता और उसमें हुए लेनदेन की पूरी जानकारी दी है. इन कंपनियों को कंपनी रजिस्ट्रार इसी साल की शुरुआत में बाहर कर चुका है. इन कंपनियों के बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.
एक कंपनी के नाम पर 2134 बैंक खाते
बैंकों की तरफ से दी गई जानकारी में सामने आया है कि कुछ कंपनियों के नाम पर तो 100 बैंक खाते हैं. एक कंपनी के पास तो 2134 बैंक खाते हैं. इसके बाद दूसरे नंबर 900 और तीसरे नंबर 300 खाते वाली कंपनियां हैं.
नोटबंदी के बाद अचानक बढ़ा पैसा
बैंकों ने सरकार को बताया कि 8 नवंबर, 2016 को इन कंपनियों की लोन की रकम को अलग करने के बाद इनके खाते में सिर्फ 22.05 करोड़ रुपये थे. लेकिन 9 नवंबर, 2016 के बाद इन कंपनियों ने अपने अकाउंट में काफी बड़ी रकम जमा कराई है. इन कंपनियों ने अपने अकाउंट में 4,573.87 करोड़ रुपये जमा किए हैं. इतनी बड़ी रकम जमा कराने के बाद इन कंपनियों ने अपने खातों से 4,552 करोड़ रुपये निकाले भी हैं.
3000 कंपनियों की मिली जानकारी
एक बैंक ने बताया कि 429 ऐसी कंपनियां हैं, जिनके खाते में 8 नवंबर, 2016 तक जीरो बैलेंस था. इसके बाद इन खातों में 11 करोड़ रुपये जमा हुए. कुछ दिन बाद इतनी ही रकम निकाली गई. इन अकाउंट्स के फ्रीजिंग होने से पहले इनमें सिर्फ 42 हजार रुपये बचत थी. एक बैंक के मामले में ऐसी 3000 कंपनियों का पता कर लिया गया है.
ए डी टी बी ने कहा – काले धन के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार की ‘बेहद’ बड़ी कामयाबी
- जिन 2,09,032 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया था, उनमें से 5,800 कंपनियों के बैंक खातों में हुई जमा-निकासी का ब्योरा उपलब्ध करवाया है 13 बैंकों ने
- इन 5,800 कंपनियों के कुल 13,140 बैंक खाते हैं. इनमें से कई कंपनियों के नाम से सैकड़ों खाते हैं. सबसे ज़्यादा खाते रखने वाली कंपनी के पास 2,134 खाते हैं. अन्य कई कंपनियों के नाम से 300 से 900 के बीच खाते हैं.
- इन 13,140 बैंक खातों में नोटबंदी शुरू होने से ठीक पहले 8 नवंबर, 2016 को कुल 22.05 करोड़ रुपये जमा थे, लेकिन 9 नवंबर, 2016 को नोटबंदी शुरू होने के बाद और कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बीच की अवधि के दौरान इन खातों में 4,573.87 करोड़ रुपये जमा करवाए गए, और 4,552 करोड़ रुपये की निकासी की गई.
- अधिकतर कंपनियों ने नोटबंदी के बाद अपने खातों में बड़ी-बड़ी रकमें जमा करवाईं और निकालीं. बहुत-सी कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कोई धनराशि नहीं थी, या नेगेटिव बैलेंस मौजूद था, लेकिन नोटबंदी के बाद इन खातों में कई-कई करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए, और फिर इन्हें मामूली बैलेंस के साथ डॉरमैन्ट एकाउंट की तरह छोड़ दिया गया.
- उदाहरण के लिए, एक बैक में 429 कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कोई बैलेंस नहीं था, लेकिन नोटबंदी के बाद और फ्रीज़ किए जाने तक की अवधि में इन कंपनियों के खातों में 11 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम जमा करवाई गई और निकाली गई, और फ्रीज़ किए जाने के वक्त इन खातों में कुल बैलेंस 42,000 रुपये था.
- इसी तरह एक अन्य बैंक में 3,000 से ज़्यादा इसी तरह की कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कुल मिलाकर 13 करोड़ रुपये की धनराशि जमा थी, लेकिन इसके बाद इन खातों में 3,800 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा की जमा और निकासी की गई, और फ्रीज़ किए जाने के वक्त इनमें लगभग 200 करोड़ रुपये का नेगेटिव बैलेंस था.
- ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी संदिग्ध कंपनियों, जिनका रजिस्ट्रेशन सरकार ने रद्द किया था, में से ये आंकड़े कुल मिलाकर 2.5 फीसदी हैं, इसलिए माना जा रहा है कि इन कंपनियों द्वारा किए जा रहे काले धन के गोरखधंधे का यह सिर्फ शुरुआती खुलासा है, और बहुत कुछ, और इससे कहीं बड़े कारनामों की पोल खुलने वाली है.