दिल्ली। तीन तलाक विधेयक पर आज लोकसभा में चर्चा होगी। केंद्र सरकार बिल को पारित करने की आज पूरी कोशिश करेगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी आज अपने राज्यसभा सांसदों को सदन में उपस्थित होने के लिए व्हिप जारी किया है।
एनसीपी सांसद वंदना ने देशभर के स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश की विसंगतियों को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद सुरेश ने सोनभद्र (यूपी) में आदिवासियों और दलितों के खिलाफ अपराध में वृद्धि को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने केंद्रीय सरकार और सार्वजनिक संस्थानों में रोजगार से एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के युवाओं को वंचित करने के लिए ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सरोज पांडे और अजय प्रताप सिंह ने देश में बढ़ती आबादी के कारण और और एक साथ चुनाव को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।
कांग्रेस ने यूपीए के सहयोगी दलों से बातचीत की है और सभी दल लोकसभा में तीन तलाक बिल का विरोध करेंगे। कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, तीन तलाक में आपराधिक प्रावधान का पुलिस दुरुपयोग कर सकती है। इसलिए हम इस प्रावधान का सख्ती से विरोध करेंगे।
कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि हम ओलंपिक में कितने पदक जीतेंगे
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने 2020 में ओलंपिक में भारत कितने पदक जीत रहा है वाले सवाल पर लोकसभा में कहा कि हम ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं और हम अपनी टुकड़ी में अच्छी संख्या में एथलीट भेजने जा रहे हैं। कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि हम कितने पदक जीतेंगे।
सपा सांसद एसटी हसन ने कहा- मैं तीन तलाक बिल के विरोध में हूं। सरकार को किसी धर्म के अंदरुनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। फैसला लड़की और उसके मां-बाप पर छोड़ दिया जाना चाहिए। आपराधिक क्लाज के तहत तीन साल की सजा का प्रावधान है, अगर पति जेल गया तो पत्नी को मुआवजा कौन देगा। एक मुस्लिम तीन साल के लिए जेल जाएगा और दूसरा एक साल के लिए, क्या ये न्याय है?
रविशंकर प्रसादः सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी और कानून लाने के बाद मुझे लगा था कि ये रुक जाएगा। जुलाई तक तीन तलाक के 574 मामले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 345 तीन तलाक के मामले सामने आए हैं। अगर दुनिया के 20 से अधिक मुल्कों ने तीन तलाक को नियंत्रित किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत बताया है। मामूली बातों पर तलाक दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाएं मुश्किलें झेल रही हैं। मैं उन्हें क्या जवाब देता। ये महिला की गरिमा और सम्मान का मामला है। तीन तलाक मामलों में महिलाओं को न्याय दिलाकर रहेंगे।