दिल्ली। राज्यसभा में तील तलाक विधेयक को पेश कर दिया गया है और इसपर सदन में चर्चा जारी है। सरकार के पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है। इसी कारण उसे इस विधेयक को पास करवाने के लिए अपने मित्रदलों की जरूरत है। बीते हफ्ते ही यह बिल लोकसभा से पास हुआ था। तीन तलाक बिल पर लगभग चार घंटे तक चर्चा होने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि 20 से अधिक देशों में तीन तलाक बैन है इसलिए इस कानून को राजनीति के चश्मे से न देखें।
जनता दल यू जैसे सहयोगियों ने इस विधेयक का विरोध करने का एलान कर सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। लेकिन सरकार को आशा है कि विपक्षी दलों के बिखराव की वजह से उसे राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित कराने में कठिनाई नहीं होगी। आरटीआई विधेयक पर राज्यसभा में हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में 117 वोट पड़े और विरोध में महज 75 वोट ही पड़े जबकि गैर-एनडीए दलों के सांसदों की संख्या 127 है। इनमें से यूपीए के सांसदों की संख्या 67 है। लेकिन यूपीए के कई दलों के वोटिंग से दूर रहने की वजह से सरकार ने भारी अंतर से यह विधेयक पारित करा लिया था।
बिल का मकसद परिवारों का बर्बाद करनाः आजाद
सदन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक बिल कहा कि ये बिल मुस्लिम महिलाओं की शादी के अधिकार की सुरक्षा पर है, लेकिन असल में इसका मकसद परिवारों का बर्बाद करना है।
राज्यसभा में तील तलाक विधेयक को पेश कर दिया गया है और इसपर सदन में चर्चा जारी है। सरकार के पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है। इसी कारण उसे इस विधेयक को पास करवाने के लिए अपने मित्रदलों की जरूरत है। बीते हफ्ते ही यह बिल लोकसभा से पास हुआ था। तीन तलाक बिल पर लगभग चार घंटे तक चर्चा होने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि 20 से अधिक देशों में तीन तलाक बैन है इसलिए इस कानून को राजनीति के चश्मे से न देखें।
जनता दल यू जैसे सहयोगियों ने इस विधेयक का विरोध करने का एलान कर सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। लेकिन सरकार को आशा है कि विपक्षी दलों के बिखराव की वजह से उसे राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित कराने में कठिनाई नहीं होगी। आरटीआई विधेयक पर राज्यसभा में हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में 117 वोट पड़े और विरोध में महज 75 वोट ही पड़े जबकि गैर-एनडीए दलों के सांसदों की संख्या 127 है। इनमें से यूपीए के सांसदों की संख्या 67 है। लेकिन यूपीए के कई दलों के वोटिंग से दूर रहने की वजह से सरकार ने भारी अंतर से यह विधेयक पारित करा लिया था।
बिल का मकसद परिवारों का बर्बाद करनारू आजाद
सदन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक बिल कहा कि ये बिल मुस्लिम महिलाओं की शादी के अधिकार की सुरक्षा पर है, लेकिन असल में इसका मकसद परिवारों का बर्बाद करना है।