उन्नाव हत्या कांडः आज पीड़िता का केस सुनेगा सुप्रीम कोर्ट

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दिल्ली। देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को लिखा उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का पत्र देरी से मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने बुधवार को मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट भी मांगी कि आखिर पत्र को हम तक पहुंचने में देरी क्यों हुई? जस्टिस गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी मंगलवार दोपहर तक उनके सामने क्यों पेश नहीं की गई?

दुर्भाग्य से मैं पत्र 19 वर्षीय पीड़िता और उसके परिवार ने 12 जुलाई को ही लिखा था। इसमें पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताया था। वहीं, पीड़िता के परिवार ने इस पत्र में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की धमकियों का जिक्र किया था। सीजेआई ने कहा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं कि पीड़िता ने हमें पत्र भेजा, मगर हम उसे अभी तक देख नहीं पाए। उन्होंने अखबारों में छपी उन खबरों पर खेद भी जताया, जिसमें कहा गया था कि इस मामले में सीजेआई ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया।

जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम इस गंभीर मामले पर रजिस्ट्री से हफ्ते भर में रिपोर्ट चाहते हैं। हम कोशिश करेंगे कि पीड़िता के लिए ऐसे अस्थिर माहौल में कुछ बेहतर किया जा सके। जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ अब बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की है। पीठ ने उत्तर प्रदेश शासन से बृहस्पतिवार तक उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के दुर्घटना मामले पर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।

उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई को हुई एक कार दुर्घटना में उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता और एक वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे जबकि पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। पीड़िता की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। पीड़िता के परिवार ने इस घटना को साजिश बताते हुए आरोप लगाया था कि विधायक सेंगर ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया ताकि पीड़िता और उसके साथ केस की पैरवी कर रहे लोगों को खत्म कर दिया जाए।

उल्लेखनीय है पीड़िता ने अप्रैल, 2018 में आरोप लगाया था कि कुलदीप सिंह और उसके सहायकों ने 2017 में नौकरी दिलाने के बहाने उसके साथ दुष्कर्म किया था। बाद में पीड़िता के पिता को कुलदीप के भाई अतुल ने पीटा था। पुलिस ने जख्मी पिता की मदद करने के बजाय उन्हें हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पिता की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़िता ने अपने साथ दुष्कर्म की बात उजागर कर दी थी। जनाक्रोश फैलने के बाद अतुल सेंगर को पीड़िता की पिता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ही कुलदीप सिंह सेंगर को भी अप्रैल, 2018 में ही गिरफ्तार किया गया था।

बाल दुष्कर्म मामलों के दौरान आया जिक्र

प्रधान न्यायाधीश ने ये बातें तब कहीं, जब एक वकील ने एक मामले की सुनवाई के दौरान उन्नाव मामले का जिक्र किया। दरअसल, देश में बढ़ रहे बाल दुष्कर्म के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रहे वरिष्ठ वकील वी गिरी इस मामले में चिंता जता रहे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट से उन्नाव दुष्कर्म मामले पर भी तत्काल सुनवाई की मांग की थी। सीजेआई को लिखे पत्र की एक प्रति इलाहाबाद हाईकोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार को भी भेजी गई है।

पीड़िता की मां ने अप्रैल में ही लगाई थी ट्रांसफर याचिका

पीड़िता की मां ने गत अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में सीबीआई, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आदि प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। गत सोमवार को रजिस्ट्रार ने तमाम प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए और चार हफ्ते का वक्त दे दिया और सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए टाल दी।

सीबीआई ने दर्ज किया केस, मौके पर पहुंची
इस बीच, सीबीआई ने उन्नाव मामले की पीड़िता के साथ हुए हादसे के मामले में केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद और करीब 20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया है। यह केस सीबीआई लखनऊ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने दर्ज किया है। अब सीबीआई ही इस मामले की सच्चाई पता लगाएगी कि यह हादसा था या साजिश।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि राज्य पुलिस की शुरुआती जांच और साक्ष्यों से पता चलता है कि यह साधारण दुर्घटना नहीं थी। पीड़िता और गवाहों का मुंह बंद करने के लिए साजिश के तहत यह योजना बनाई थी। मामले में विधायक सेंगर पहले ही जेल में है। इस बीच, सीबीआई की तीन सदस्यों की टीम बुधवार को रायबरेली में उस जगह पर जांच करने पहुंची, जहां पीड़िता और उनके परिवार के साथ हादसा हुआ था।

कुलदीप के भाई के खिलाफ भी केस

कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें उनके भाई मनोज सिंह सेंगर का नाम भी शामिल है। दरअसल, पीड़िता के पिता की पिटाई का मामला सामने आने के बाद कुलदीप और उनके छोटे भाई अतुल सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हो गई थी जबकि इस मामले से लिंक न होने की वजह से मनोज सिंह बाहर था।

युवाओं को खुश रहना सिखा पाते तो मुकदमों में आती कमीः जस्टिस गोगोई

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक कार्यक्रम में कहा है कि अगर हम युवाओं को खुश रहना सिखा दें तो हम देश में बेलगाम मुकदमों की संख्या पर रोक लगा सकते हैं। उन्होंने न्यायिक शिक्षण संस्थानों में खुशी की कक्षाएं आयोजित कराने का भी सुझाव दिया। सीजेआई बुधवार को ही तालकटोरा स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्कूलों में खुशी की कक्षाएं शुरू करने की पहली सालगिरह के मौके पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, बरसों से बड़ी संख्या में मुकदमों के लंबित रहने से लोग आगे चलकर और नाखुश हो जाते हैं। उन्होंने कहा यह शानदार विचार है। हम इसे अपनी न्यायिक शिक्षण संस्थाओं में भी लागू कर सकते हैं।

माया बोलीं, इंसाफ की उम्मीद जगी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लेने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुशी जाहिर की। अपने एक ट्वीट में मायावती ने लिखा, पीड़िता और उसके परिवार की हत्या का प्रयास और मुकदमों की वापसी के लिए विधायक द्वारा धमकी का आरोप काफी गंभीर मामला है। इसका सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया जाना स्वागत योग्य है। बसपा सुप्रीम कोर्ट का इसके लिए धन्यवाद देती है। इससे पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। आरोपी विधायक को सत्ताधारी भाजपा का लगातार संरक्षण रहा है। यह कोई छिपी बात नहीं है।

अखिलेश बोले, परिजनों का प्रशासन पर भरोसा नहीं

इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को इस मामले को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, मंगलवार को मैं पीड़ित परिवार से मिला था। वे काफी कष्ट में हैं। चूंकि पहले दिन से ही उन्हें इस मामले को लेकर अब तक संघर्ष करना पड़ा है, ऐसे में अब प्रशासन पर उनका कोई भरोसा नहीं रह गया है। वे इंसाफ चाहते हैं। उम्मीद करता हूं कि सरकार उन्हें न्याय देगी।

स्वाति मालीवाल बोलीं, दिल्ली लाई जाए पीड़िता

इस बीच, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुधवार को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्नाव पीड़िता को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाए जाने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की है कि कुलदीप सिंह को विधानसभा और भाजपा से निष्कासित किया जाए। मालीवाल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है कांग्रेसः प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी उन्नाव मामले की पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मजबूती से लड़ेंगे। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा, सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के बिना पीड़िता और उसके परिवार के साथ शोषण संभव नहीं था।

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