खास बातें
-अयोध्या गए स्वतंत्र देव अचानक दिल्ली बुलाए गए थे
-स्वतंत्र देव को बुलाने के लिए हेलीकाप्टर अयोध्या भेजा गया
-चारों तरफ से पार्टी की घेराबंदी होने से आलाकमान नाराज
लखनऊ। उन्नाव कांड के मुख्य आरोपी व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भाजना ने निष्कासित कर दिया है। बताया गया कि कल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को पार्टी अचानक दिल्ली बुलाया जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। उन्नाव कांड के बाद चैतरफ घिरी भाजपा को यह निर्णय लेना पड़ा।
अयोध्या गए स्वतंत्र देव अचानक दिल्ली बुलाए गए थे
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को बुधवार को अयोध्या दौरे पर थे। वहीं से उन्हें अचानक दिल्ली बुलाए जाने से यहां सियासी गलियारों में अटकलें शुरू हो गई हैं। पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल पहले से ही दिल्ली में हैं। शीर्ष नेतृत्व दोनों लोगों के साथ मंत्रणा कर रहा है। ऐसे में लोग उन वजहों को तलाश रहे हैं जिनके कारण सिंह को अचानक दिल्ली तलब किया गया है। स्वतंत्र देव को बुलाने के लिए हेलीकाप्टर अयोध्या भेजा गया। जिससे वह लखनऊ आए और यहां से विमान से दिल्ली रवाना हो गए।
कहा जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को अचानक बुलाए जाने के पीछे मुख्य रूप से उन्नाव दुष्कर्म मामले को लेकर चल रहा बवाल है। सिंह ने मंगलवार को कहा था कि आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पहले ही पार्टी से निलंबित किए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई चाहता है। साथ ही यह समझना चाह रहा है कि पार्टी के प्रदेश संगठन से कहां और किस स्तर पर चूक हुई कि चारों तरफ से पार्टी की घेराबंदी होती जा रही है। शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी और इस बैठक का असर जल्द ही भाजपा के प्रदेश संगठन पर दिखाई दे सकता है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
बड़बोलों पर लग सकता है अंकुश
इन अटकलों में दम भी नजर आता है। दरअसल, उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के वाहन की ट्रक से टक्कर मामले में पार्टी के मीडिया विभाग से जुड़े एक नेता ने न्यूज चैनल पर कह दिया था कि अब तक जो तथ्य हैं उससे प्रथम दृष्टया विधायक दोषी नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी की और इस मामले में तुरंत हत्या और हत्या की साजिश का मुकदमा भी दर्ज हुआ। पार्टी ने भी उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया था। इसी तरह कुछ अन्य संवेदनशील मुद्दों पर भी कुछ नेताओं के बयानों ने भी शीर्ष नेतृत्व को खिन्न किया है।