सुप्रीम कोर्ट का जेपी इंफ्राटेक मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

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दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के लिये नये सिरे से बोली आमंत्रित करने के राष्ट्रीय कंपनी ला अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ जेपी समूह की अपील पर दो सप्ताह यथास्थिति बनाये रखने का शुक्रवार को आदेश दिया।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी की पीठ ने इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश उस वक्त दिया जब उसे बताया गया कि संसद ने दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधनों को मंजूरी दे दी है।

पीठ ने कहा कि हमने इन संशोधनों को देखा नहीं है, इसे आने दीजिये फिर हम देखेंगे। अपीलीय न्यायाधिकरण ने 30 जुलाई को जेपी इंफ्राटेक के लिये नये सिरे से बोली लगाने की अनुमति दी थी लेकिन इसके प्रवर्तक जेपी समूह को इस नीलामी में भाग लेने से रोक दिया था।

नीलामी की नयी प्रक्रिया के लिये न्यायाधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक की समाधान की अवधि 90 दिन के लिये बढ़ा दी थी जिसमें नयी बोलियां आमंत्रित करने के लिये 45 दिन की अवधि भी शामिल थी।

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