नवसारी। गुजरात के नवसारी जिले के बिलिमोरा तालुका के सरकारी स्कूल की एक चिकित्सा अधीक्षक को पांच दिनों की छुट्टी पर भेजा गया है। उनके खिलाफ जांच में यह बात साबित हुई है कि उन्होंने स्थानीय लोगों का इलाज करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि वह केवल बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का इलाज करेंगी। इस चिकित्सा अधीक्षक का नाम डॉक्टर स्मिता तिवारी है। उन्हें इसी साल मार्च में मेघूशी अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक बनाया गया था।
डॉ. स्मिता ने कथित तौर पर बिलिमोरा तालुका के भाजपा अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के साथ उस समय गाली-गलौच की जब वह इस मामले पर बात करने के लिए पहुंचे थे। यह घटना कथित तौर पर बुधवार शाम को हुई जब वीणाबेन रुशी नाम की महिला तिवारी के कमरे के बाहर अपने 10 साल के बेटे की पर्ची लेकर पहुंची। महिला के बेटे को बुखार था।
एक घंटा इंतजार करने के बाद जब वीणाबेन और अन्य महिला डॉ. तिवारी के कमरे में पहुंचे तो वह फोन पर बात कर रही थीं। जब महिला ने उससे मरीज को देखने के लिए कहा तो उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘मैं यहां गुजराती मरीजों का इलाज करने के लिए नहीं आई हूं। मैं उत्तर प्रदेश और बिहार के मरीजों का इलाज करुंगी। तुम गुजराती लोगों ने मुझे और मेरे पिता को पहले काफी परेशान किया है।’ इसके बाद उन्होंने महिला को अपने चैंबर से बाहर जाने के लिए कहा।
घटना के बाद बिलिमोरा नगर पालिका के भाजपा अध्यक्ष मुकेश नाइक कथित तौर पर नगर पालिका की कुछ महिला सदस्यों और विपक्ष के नेता अरविंद पटेल के साथ अस्पताल पहुंचे। डॉ. तिवारी ने उनके साथ बदसलूकी की। जिसके बाद नाइक ने सूरत के स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक (आरडीडी) डॉ. आरके कंचल के पास शिकायत दर्ज की। आरडीडी ने एक जांच पैनल का गठन किया।
पैनल गुरुवार को अस्पताल पहुंचा और उसने अस्पताल स्टाफ, मरीजों, डॉ. तिवारी और नाइक के बयान दर्ज किए। रिपोर्ट गांधीनगर में चिकित्सा सेवाओं के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एचके भावसार और डॉक्टर कंचल को भेजी गई। डॉक्टर कंचल ने कहा, ‘उसने मरीजों से कहा कि वह गुजराती लोगों का इलाज नहीं करेंगी और वह केवल यूपी बिहार के मरीजों को देखेंगी। अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने भी बताया कि वह काम में अनियमित हैं और उनका व्यवहार भी ठीक नहीं है।’