देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने आखिरकार रुड़की नगर निगम को लेकर हाईकोर्ट के एक महीने पुराने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। सरकार ने विशेष याचिका दर्ज करके 2015 के परिसीमन पर निकाय चुनाव कराने का विरोध किया है और नए परिसीमन के आधार पर ही चुनाव कराने पर जोर दिया है। दूसरी तरफ, सरकार ने सेलाकुई नगर पंचायत को खत्म कर इसे ग्राम पंचायत बनाने के हाईकोर्ट के आदेश को भी चुनौती देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
एक महीने पहले हाईकोर्ट ने अपने आदेश में रुड़की नगर निगम के चुनाव 2015 के परिसीमन के आधार पर कराने के आदेश दिए थे, जबकि सरकार नए परिसीमन के आधार पर आरक्षण की अंतिम अधिसूचना भी जारी कर चुकी थी। इस आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग सरकार को प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम भी भेज चुका था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आगे की प्रक्रिया को रोक देना पड़ा था। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दर्ज कर दी है। शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल, 2015 के जिस परिसीमन के आधार पर चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट ने कहा है कि उसमें रामपुर और पाडली गुर्जर जैसे गांव भी नगर निगम का हिस्सा है। सरकार जिस नए परिसीमन से चुनाव कराना चाहती है, उसमें रामपुर और पाडली गुर्जर जैसे गांव नगर निगम से बाहर हैं। दूसरी तरफ, 2015 में अस्तित्व में आई सेलाकुई नगर पंचायत का वजूद बचाने के लिए भी सरकार कमर कस रही है। हाईकोर्ट ने इस नगर पंचायत को खत्म कर फिर से ग्राम पंचायत बना दिया है। शहरी विकास सचिव के अनुसार, सेलाकुई के मामले में भी विशेष याचिका दर्ज की जाएगी।