चिदंबरम की सीबीआई रिमांड बढ़ीः सिब्बल ने की नजरबंद करने की मांग, अदालत का तिहाड़ भेजने से इनकार

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दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने कहा कि चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा लेने के लिए संबंधित अदालत में जाना चाहिए। न्यायालय ने निचली अदालत से आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने को कहा। साथ ही आदेश दिया कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा और यदि निचली अदालत उनकी जमानत याचिका खारिज कर देती है तो उनकी सीबीआई हिरासत को पांच सितंबर के लिए बढ़ा दिया जाएगा। बता दे कि सोमवार को चिदंबरम की सीबीआई रिमांड खत्म हो रही है।

चिंदबरम की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उनकी पुलिस रिमांड और गैर-जमानती वारंट जारी करने के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा कि वह 74 साल के बुजुर्ग व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें नजरबंद रखा जाए। इससे किसी को क्षति नहीं पहुंचेगी। जिसके बाद अदालत ने पी चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा के लिए निचली अदालत जाने को कहा। अदालत ने 20 अगस्त को उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही ईडी भी पूछताछ से संबंधित दस्तावेज शीर्ष अदालत की बेंच को सौंप चुका है।

इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री को दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। चिदंबरम ने वकील अजय कुमार को बताया था कि सीबीआई अफसर मुझे तीन फाइलें बार-बार दिखाते रहते हैं। उनके पास मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कोई भी दस्तावेज नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी।

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