बंगलूरू। मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की अदालत में पेश किया। शिवकुमार को ईडी ने मंगलवार को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। उनसे कुछ दिनों से पूछताछ जारी थी।
डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद से दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक कोहराम जारी है। कांग्रेस ने कहा कि डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी से सरकार अपनी नाकाम हो चुकी नीतियों और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस समर्थक बंगलूरू के कई इलाकों में लगातार विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ कर रहे हैं।
कर्नाटक के रामनगर में मंगलवार देर रात दो बसों को आग के हवाले कर दिया गया जबकि कई अन्य बसों में तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद परिवहन विभाग और रामनगर पुलिस ने बसों के परिवहन पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है।
बता दें कि डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया था। विधायक शिवकुमार पूछताछ के लिए चैथी बार मंगलवार को खान मार्केट स्थित ईडी मुख्यालय में पेश हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है, इसलिए गिरफ्तार किया गया है।
देर रात गिरफ्तारी के बाद शिवकुमार को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाने के दौरान उनके समर्थकों ने ईडी कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। इस बीच, शिवकुमार ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। वहीं, कांग्रेस भी उनके समर्थन में उतर आई है।
गिरफ्तारी के बाद क्या कहा डीके शिवकुमार ने…
मंगलवार को एक ट्वीट में डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं अपने भाजपा के मित्रों को बधाई देता हूं कि उन्होंने मुझे गिरफ्तार करने के मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। मेरे खिलाफ आयकर और ईडी केस राजनीतिक रूप से प्रेरित है। मैं भाजपा के बदले की कार्रवाई का शिकार हूं।
यह है मामला
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में ईडी ने शिवकुमार और दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंथैया सहित कुछ अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। यह मामला पिछले साल आयकर विभाग द्वारा शिवकुमार के खिलाफ बंगलूरू की विशेष कोर्ट में दायर आरोप पत्र के आधार पर दर्ज किया गया था। इसमें करोड़ों की टैक्स चोरी और हवाला लेन-देन का आरोप था। पिछले हफ्ते ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिवकुमार की ईडी समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी। इसके बाद उन्हें जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना पड़ा।
गिरफ्तारियों से हम डरने वाले नहीं, कठिन सवाल पूछते रहेंगेः कांग्रेस
कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को बदले की भावना से की गयी कार्रवाई करार देते हुए बुधवार को कहा कि वह इस तरह के ‘दमन’ से डरने वाली नहीं है और नरेंद्र मोदी सरकार से कठिन सवाल पूछती रहेगी।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह दावा भी किया कि आर्थिक संकट और अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए सरकार विरोधी नेताओं को निशाना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के कुशासन और विफलता पर से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं खासकर कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी की जा रही है। बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है। शिवकुमार की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने कर्नाटक में विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में विपक्ष के एक भी नेता को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है। कांग्रेस इस दमन से डरने वाली नहीं है। भारत के लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए एक प्रमुख विपक्षी पार्टी की तरह हम आवाज उठाते रहेंगे ।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि दूसरे कार्यकाल में राजग सरकार को बने 96 दिन हो गए हैं। तीन शब्द- दमन, अत्याचार और अराजकता इस सरकार की कहानी बयां करते हैं। आर्थिक विकास की दर पांच फीसदी है। आज देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद कमजोर हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि चीन से उलट भारत की अर्थव्यवस्था बुनियादी तौर पर निजी अर्थव्यवस्था है। सरकार के खर्च के अलावा निजी क्षेत्र से कोई निवेश नहीं हो रहा है। अर्थव्यवस्था पांच प्रमुख क्षेत्रों में सिर्फ दो फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों से कृषि क्षेत्र में संकट है
उन्होंने यह दावा भी किया कि मुद्रा योजना ऐतिहासिक रूप से विफल रही है।
कश्मीर और असम पर यह बोले तिवारी
जम्मू-कश्मीर एक ज्वालामुखी की तरह है जो फटने को है, लेकिन इस श्मैन मेड डिजास्टरश् को हल करने की कोई नीति नहीं है। असम में एनआरसी के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि असम में 19 लाख लोग देशविहीन हो गए हैं। अगर संख्या कम भी होती है तो क्या भारत सरकार के पास इसकी कोई योजना है कि उनका क्या किया जाएगा।