नकली पेट्रोल-डीजल मामले में बड़ी कार्रवाई, अधिकारियों पर गिरी गाज, होटल मालिक के खिलाफ केस दर्ज

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ज्ञानेंद्र चौधरी

मेरठ। मेरठ में तेल के काले खेल में पहली गाज आपूर्ति विभाग पर गिरी है। डीएसओ विकास गौतम को मुजफ्फरनगर तो क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी नरेंद्र सिंह को बदायूं और पूर्ति निरीक्षक सुनील भटनागर का एटा ट्रांसफर किया गया है। मुजफ्फरनगर के डीएसओ सुनील पुष्कर मेरठ के डीएसओ होंगे। वहीं मेरठ में एनएच-58 पर हाल ही में एक आलीशान होटल का निर्माण किया गया है। इस मामले में होटल मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

नकली तेल के कारोबार का खुलासा होने के बाद से ही आपूर्ति विभाग की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने भी आपूर्ति विभाग की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और आपूर्ति निरीक्षक को उनके कार्यक्षेत्र से हटाकर कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। वहीं, डीएसओ के खिलाफ शासन को संस्तुति भेजी थी। कई दिन बीतने के बाद जब मामला लगातार बढ़ता गया और मुख्यमंत्री के संज्ञान में पूरा मामला पहुंचा। तो शासन स्तर से आपूर्ति विभाग ने कार्रवाई की। जिसके तहत डीएसओ को मुजफ्फरनगर ट्रांसफर किया गया। वहीं, इनके खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर जांच चल रही है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

 

विवादों में रहें विकास गौतम

डीएसओ विकास गौतम नवंबर 2017 में मेरठ में तैनाती के बाद से सुर्खियों में बने रहे। फर्जी राशन कार्ड घोटाले की एसआईटी जांच शुरू हुई तो भारी अनियमितताएं सामने आईं। जिला आपूर्ति कार्यालय में कंप्यूटर पर काम करते मिले प्राइवेट लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 50 से अधिक राशन डीलरों के खिलाफ फर्जी राशन कार्ड के माध्यम से राशन घोटाला करने के आरोप में एफआईआर हो चुकी है। अब मिलावटी तेल प्रकरण में तो पूरी तरह आपूर्ति विभाग की भूमिका सामने आ रही है।

नाले पर कब्जा कर बनाया दोआब विला होटल, रिपोर्ट दर्ज

वहीं मेरठ में एनएच-58 पर हाल ही में एक आलीशान होटल का निर्माण किया गया है। इस होटल निर्माण के वक्त होटल मालिकों ने सामने से गुजर रहे 11 मीटर चैड़े नाले पर कब्जा कर करीब 5.40 मीटर जमीन को पाट दिया। इस मामले में नगर निगम के लेखपाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर होटल मालिक होर्डिंग कारोबारी ज्ञानेंद्र चैधरी और सचिन चैधरी के खिलाफ परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने अब भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। गोपनीय तरीके से शुरू हुए इस अभियान की पहली गाज होटल दोआब विला पर गिरी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर आयुक्त ने निगम के लेखपाल रुद्रेश कुमार से राजस्व ग्राम डूंगरावली की भूमि खसरा संख्या 68 छोइया (नाला) पर हुए कब्जे की जांच कराई थी। जांच में पाया गया कि यह नाला दोआब विला होटल के सामने 86 मीटर लंबा और 11 मीटर चैड़ा था। लेकिन होटल मालिकों ने कब्जा कर नाले की चैड़ाई कम कर दी। अब होटल दोआब विला के सामने यह नाला मात्र 5.60 मीटर चैड़ा रह गया है। यही नहीं, होटल मालिक द्वारा नाले पर आरसीसी की स्लैब डालकर एनएच-58 तक इंटर लॉकिंग टाइल्स लगा दी हैं।

तेल चोरी के आरोप में ज्ञानेंद्र जा चुका जेल

एनएच-58 पर कुंडा के पास से आईओसीएल के ऑयल डिपो तक पेट्रोल-डीजल की पाइप लाइन जा रही है। इस पाइप लाइन में वर्ष 2014 में सेंधमारी कर बड़ी मात्रा में तेल चोरी किया जा रहा था। जब आईओसीएल की टीम ने जांच की तो पता चला कि ज्ञानेंद्र चैधरी जहां से पाइप लाइन गुजर रही थी, वहां की जमीन खरीदकर उसकी चाहरदीवारी करके लाइन से तेल चोरी करा रहा था। इस मामले में आईओसीएल की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था और पुलिस ने ज्ञानेंद्र को जेल भेजा था।

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